Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

अनूठी पहल: शादी में बेटी ने की पिता से दहेज में गर्ल्स हॉस्टल की रखी मांग, पिता ने ये कर दिया यह खास इंतजाम

मनमोहन सेजू, बाड़मेर दहेज प्रथा को लेकर समाज में भले ही कई तरह की धारणा हो, लेकिन राजस्थान के बाड़मेर में बेटी के कन्यादान में एक पिता ने ...

मनमोहन सेजू, बाड़मेरदहेज प्रथा को लेकर समाज में भले ही कई तरह की धारणा हो, लेकिन राजस्थान के बाड़मेर में बेटी के कन्यादान में एक पिता ने जो किया, उसे लेकर सरहदी बाड़मेर में इन दिनों काफी चर्चा है। इन सुर्खियों की वजह है, शादी में वधु को मिले कन्यादान की राशि को गर्ल्स हॉस्टल के लिए दान दे देना। दरअसल बाड़मेर की अंजलि कंवर ने पिता द्वारा कन्यादान में दिए 75 लाख रुपए गर्ल्स हॉस्टल को दान देकर मिशाल पेश की है। इस गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिए अंजलि कंवर के पिता किशोर सिंह कानोड़ पहले ही 1 करोड़ रुपए का दान कर चुके है। अंजलि के इस कदम के चर्चे हर तरफ है। पिता को देते थे ताना बाड़मेर की रहने वाली अंजलि ने बचपन में ही पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा होने की ठान ली थी। पिता किशोर सिंह कानोड़ ने हर कदम पर उसका बखूबी साथ दिया और पढ़ाया। बारहवीं के बाद अंजलि की पढ़ाई को लेकर लोगों ने उसके पिता को ताने देने शुरू कर दिए। कहने लगे कि बेटी को पढ़ाकर आईएएस या आरएएस बना दोगे। लोगों की ऐसी बातें ,अंजलि को मन ही मन कचोट रही थी लेकिन पढ़ने की जिद नहीं छोड़ी और स्नातक तक की पढ़ाई पूरी कर ली। पिता ने बेटी के सपने किया पूरा शादी से पहले पिता से कहा कि उसे दहेज नहीं चाहिए, दहेज में जितनी राशि देना चाहते हो ,वह समाज की बेटियों के लिए छात्रावास निर्माण के लिए देना है। पिता ने बेटी के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया। बीते दिनों अंजलि पुत्री किशोरसिंह कानोड़ की शादी प्रवीणसिंह पुत्र मदनसिंह भाटी रणधा के साथ बाड़मेर में हुई। शादी की रस्में निभाई गई विदाई से पहले अंजलि कंवर ने एक पत्र महंत प्रतापपुरी महाराज को दिया। इसमें शादी में दहेज नहीं लेकर बेटियों के लिए छात्रावास निर्माण की बात लिखी थी। अंजली कंवर ने ठान लिया था करेंगी अनूठी पहल महंत प्रतापपुरी ने समाज के लोगों की मौजूदगी में अंजलि कंवर की भावनाएं प्रकट की तो तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया। इस दौरान किशोरसिंह कानोड़ ने खाली चेक थमाते हुए कहा कि छात्रावास के लिए जितनी भी राशि चाहिए, वो इसमें भर देना। राजपूत समाज में पहली बार किसी बेटी ने दहेज में बेटियों की शिक्षा के लिए छात्रावास की मांग रखी है। अंजली कंवर के मुताबिक वह पढ़ना चाहती थी और परिवार भी उसके साथ खड़ा था,लेकिन समाज के लोग हौंसला बढ़ाने की बजाय तोड़ने का काम कर रहे थे। उसे पढ़ाई से ज्यादा इस बात की हमेशा पीड़ा रहती थी कि वह तो पढ़ जाएगी लेकिन समाज की दूसरी बहनें इस माहौल में कैसे पढ़ाई करेगी? इसलिए पढ़ाई के दौरान ही निर्णय कर लिया था कि शादी में दहेज न लेकर अनूठी पहल करूंगी। दादा ससुर ने की सराहना इस बारे में पहले परिवार में किसी को नहीं बताया। शादी से पहले पिता किशोरसिंह के सामने बात रखी तो उन्होंने बिना सोचे व समझे ही हां भर दी। आपको बता दे कि एनएच 68 पर राजपूत छात्रावास परिसर में बालिका छात्रावास निर्माण के लिए समाजसेवी किशोरसिंह ने एक करोड़ रुपए की घोषणा कर रखी है ,लेकिन छात्रावास को पूरा करने के लिए 50 से 75 लाख रुपए की और जरूरत है। इस अधूरे काम को अंजलि दहेज में दी राशि से पूरा करवाएगी। अंजलि के दादा ससुर कैप्टन हीरसिंह भाटी के मुताबिक अंजलि की सोच ने आज एक मिशाल पेश की है। एक तरफ जहां बाड़मेर जैसलमेर की बेटियो के शैक्षणिक पिछड़ेपन की वजह से बरसो तक देश भर में बदनाम रहा उसी बाड़मेर में अंजलि का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा उन बेटियो के लिए जो पढ़ लिखकर अपना और अपने देश का नाम रोशन करने का जज्बा रखती है, लेकिन तंगहाली उनके पैरों में अभावो की बेड़िया डाले हुए है।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/2ZseUYC
https://ift.tt/3FOzWAj

No comments