जयपुर राजस्थान में विपक्ष के रूप में संघर्ष के बाद सत्ता तक पहुंची कांग्रेस पार्टी में खेमेबाजी करीब डेढ़ वर्ष बाद कथित रूप से समाप्त होने ...
जयपुर राजस्थान में विपक्ष के रूप में संघर्ष के बाद सत्ता तक पहुंची कांग्रेस पार्टी में खेमेबाजी करीब डेढ़ वर्ष बाद कथित रूप से समाप्त होने जा रही है। सरकार से बगावती तेवरों के चलते बाहर हुए सचिन पायलट को पार्टी हाईकमान से खासी उम्मीदें है। संभव है जल्द ही उनकी मांग के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा कर दी जाए। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो दिवसीय दिल्ली दौरे में साेनिया गांधी से मुलाकात कर बीच का रास्ता निकाल लिया है। सूत्रों की मानें तो अब भी सबकुछ ठीक नहीं हुआ है। पायलट खेमे के मन माफिक निर्णय नहीं लिया जा रहा है। गहलोत ने सोनिया से मिलकर निकाल लिया ये रास्ता सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार में दखल चाहने वाले पायलट खेमे के नेताओं को अभी जल्द कुछ देने के मूड में नहीं है। सोनिया गांधी से मिलकर गहलोत इसके लिए बीच का रास्ता निकाल चुके हैं। जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख के ऐलान की अटकलों के बीच कहा जा रहा है कि ऐसा जल्द ही कोई फेरबदल नहीं होने जा रहा है। कहा जा रहा है कि गहलोत ने नाराज खेमे के लोगों को फिलहाल कांग्रेस संगठन में नियुक्तियां देने की बात कही है। हालांकि इन सब कयासों की स्थिति अगले सप्ताह तक साफ हो जाएगी। वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद सोनिया से मिलेंगे पायलट पार्टी के लिए विपक्ष में रहते मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं के मान-सम्मान की बात करने वाले सचिन पायलट को उम्मीदें अब भी हैं। उनके समर्थकों की मानें तो केसी वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद पायलट शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो पायलट मंत्रिमंडल में विस्तार के स्थान पर पुनर्गठन पर अड़े हैं। ताकि अधिक से अधिक लोगों को मौका मिल सके।
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