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किसान आंदोलन की 'कामयाबी' से जाटों के हौसले बुलंद, चुनाव से पहले आरक्षण के लिए भरेंगे हुंकार

शादाब रिजवी, मेरठ किसान आंदोलन () की कामयाबी के बाद अब उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले जाटों ने आरक्षण के लिए हु...

शादाब रिजवी, मेरठकिसान आंदोलन () की कामयाबी के बाद अब उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले जाटों ने आरक्षण के लिए हुंकार भरी है। जाट नेताओं ने साफ किया है कि अगर यूपी चुनाव से पहले सरकार ने जाट समाज () को ओबीसी वर्ग का आरक्षण नहीं दिया तब जाट भी निर्णायक फैसला करेंगे। जिसका असर 2022 के चुनाव में दिखेगा और जिम्मेदारों को इसका परिणाम भुगतना होगा। जाट समाज वोट से चोट करने की योजना बना रहा है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मेरठ और सहारनपुर मंडल की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जाटों से किया आरक्षण का वादा याद दिलाना चाहते हैं। यशपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार ने जाट समाज के प्रमुख संगठनों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों की उपस्थिति में केंद्रीय स्तर पर जाट आरक्षण का वादा किया था। केंद्रीय मंत्री के आवास पर दिया गया था आरक्षण का भरोसा2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के आवास पर आरक्षण का भरोसा दिलाया गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी जाट समाज के सामने वादे किए गए। अब वादा निभाना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण के लिए हमारा समाज राजनीतिक निर्णय लेकर चुनावों में चोट करेगा। गांव-गांव पहुंचेगा जाटों का आंदोलन, 240 सीटों पर पड़ेगा असरयशपाल मलिक का कहना है कि जाटों के आरक्षण के मुद्दे पर हम अब तक सरकार की हां के इंतजार में बैठे थे। अब शहरों से गांव तक पहुंचेगा। एक दिसंबर से बड़ा जनजागरण अभियान चलाएंगे। 2022 में यूपी, उत्तराखंड, पंजाब में विधानसभा चुनाव हैं। तीन राज्यों की 240 सीटों पर जाटों का प्रभाव है। यूपी में 125, पंजाब में 100 और उत्तराखंड में ऐसी 15 सीटें ऐसी है जहां सीधे जाट वोट बड़ा असर डालते हैं। यूपी की 125 सीटों पर एक दिसंबर को ज्ञापन देंगे जाटयूपी में जाट प्रभावित 125 सीटों के सभी विधायकों, जनप्रतिनिधियों को राजा महेंद्र प्रताप की जयंती एक दिसंबर को जाट संघर्ष समिति ज्ञापन सौंपकर जन जागरण अभियान चलाएगी। यशपाल ने कहा कि 25 नवंबर को मुरादाबाद मंडल, उसके बाद अलीगढ़ ,आगरा और अन्य मंडलों की बैठक होगी। यशपाल मलिक के मुताबिक, जाटों की आरक्षण की मांग 15 साल पुरानी है। इसके लिए जाटों ने रेल रोकी, पानी रोका, धरना प्रदर्शन किए हैं। पीएम ने 26 मार्च 2015 को जाट आरक्षण का वादा किया था। गृहमंत्री अमित शाह भी आरक्षण का वादा कर चुके हैं। आयोग बन चुका है, कानून फेरबदल हो चुके हैं। यशपाल सिंह के मुताबिक जाट आरक्षण के लिए अब सभी हिंदू- मुसलमान जाट, जाट सिख, बिश्नोई जाट, सामाजिक संगठन मिलकर एकजुट होकर आवाज बुलंद करेंगे।


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