नोएडा केंद्र सरकार ने इस साल बजट में देश में () लाने का दावा किया था। मंगलवार को इसकी शुरुआत नोएडा से हो गई है। सेक्टर-80 में केंद्रीय सड...
नोएडा केंद्र सरकार ने इस साल बजट में देश में () लाने का दावा किया था। मंगलवार को इसकी शुरुआत नोएडा से हो गई है। सेक्टर-80 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने (एमएसटीआई) की ओर से स्थापित पहली स्क्रैप यूनिट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अगले दो साल में देशभर में विभिन्न कंपनियों के माध्यम से ऐसी 200-300 यूनिट स्थापित कराई जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी बात बहुत पहले से करते आए हैं, जो अब साकार होती दिख रही है। लेकिन इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा, किन गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट होगा और किन गाड़ियों को कबाड़ में भेजा जाएगा और आखिर ये व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी है क्या, आइए जानते हैं। प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पुराने व खटारा वाहनों के सड़कों पर चलने और उनके निस्तारण की कोई व्यवस्था न होना माना जा रहा है। इसी के चलते इस साल केंद्र सरकार ने इस पॉलिसी को अपने बजट में प्रमुखता से शामिल किया था। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पुराने वाहनों का निस्तारण होने से ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी 10-15 प्रतिशत तक वाहनों की बिक्री बढ़ेगी। अनुमान है कि इस सेक्टर से हम अगले दो साल में करीब दो लाख लोगों को रोजगार दे सकेंगे। नोएडा में ऐसे काम करेगी यह यूनिट44 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार की गई इस स्क्रैप यूनिट में 2400 वाहन प्रतिवर्ष यानि महीने में 2000 गाड़ियों को स्क्रैप करने की क्षमता है। हेल्पलाइन नंबर 18004193530, पर संपर्क कर गाड़ी के सभी दस्तावेजों के साथ स्क्रैप के लिए आवेदन किया जा सकता है। वहां से मिले निर्धारित समय के अनुसार कार आप खुद भी ले जा सकते हैं या फिर कंपनी का वाहन भी कार लेने आ सकता है। गाड़ी की कंडीशन के अनुसार आपको बदले में उसका पैसा भी मिलेगा। साथ ही सबसे काम की चीज आपको सर्टिफिकेट ऑफ डिस्ट्रेक्शन मिलेगा जिसके आधार पर आपको नए वाहन वाहन खरीदने से लेकर परिवहन विभाग में उसके पंजीकरण तक कुछ आर्थिक राहत मिलेगी। यह आर्थिक राहत कितनी होगी यह अभी यूपी में तय नहीं हुआ है, प्रक्रिया में है। क्या है स्क्रैप पॉलिसी?प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लाने की बात कर रहे थे। इसी सील 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब बजट में इसकी घोषणा की तो साफ हो गया कि देश में पुराने वाहनों को कबाड़ में भेजने की पॉलिसी जल्द से जल्द से आएगी और अब नोएडा से इसकी शुरूआत हो गई है। इस पॉलिसी के तहत बअब देश में एक तय सीमा से पुराने हो चुके वाहनों को अपना फिटनेस टेस्ट कराना होगा। टेस्ट वाहनों के इंजन की हालत, उनका एमिशन स्टेटस और फ्यूल एफिशिएंसी, सेफ्टी जैसे कई पैरामीटर पर होगा। टेस्ट में फेल वाले वाहनों का पंजीकरण कैंसिल कर दिया जाएग और उन्हें स्क्रैप में भेज दिया जाएगा। किन गाड़ियों की होगी जांचअब सवाल यह भी है कि इस पॉलिसी के तहत किन गाड़ियों जांच होगी। तो आपको बता दें कि व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के हिसाब से 10 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल व्हीकल और 15 साल पुराने प्राइवेट पैसेंजर व्हीकल को ये फिटनेस टेस्ट देना होगा। इस लिमिट में आने वाले सभी पुराने वाहनों के लिए ये जरूरी होगा भले ये गाड़ियां फिटनेस टेस्ट में पास जाएं। फिटनेस टेस्ट फेल होने पर क्या होगा?अब सबसे अहम सवाल का जवाब कि इससे आम आदमी को फायदा होगा या नुकसान। सरकार ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को वॉलियंटरी व्हीकल मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम (VVMP) नाम दिया है। इसके तहत अगर किसी की गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल होती है तो उसे देश भर में 60-70 रजिस्टर्ड स्क्रैप फैसिलिटी में अपनी गाड़ी जमा करना है। पुरानी गाड़ी देने पर क्या मिलेगा?पुरानी गाड़ी देने के बदले ग्राहक को एक डिपॉजिट सर्टिफिकेट मिलेगा जो नई गाड़ी खरीदने पर कई तरह के फायदे देगा। पुरानी गाड़ी की स्क्रैप वैल्यू मिलेगी जो नई गाड़ी की एक्स-शोरूम प्राइस के 5 प्रतिशत के बराबर होगी। पुराने व्हीकल को कबाड़ में देने पर आपको जो डिपॉजिट सर्टिफिकेट मिलेगा, ऑटो कंपनियां उसके बदले आपको नई गाड़ी खरीदते समय एक्स-शोरूम प्राइस के 5% तक का तक का डिस्काउंट देंगी। इसके अलावा नए व्हीकल की रजिस्ट्रेशन फीस शून्य हो जाएगी। वहीं राज्य सरकारें ग्राहकों को प्राइवेट व्हीकल के लिए 25% और कमर्शियल व्हीकल के लिए 15% तक रोड टैक्स रिबेट दे सकती हैं।
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