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Hooch Tragedy : बिहार में शराबबंदी फेल, एक साल में 5 बड़े कांड और 82 लोगों की मौत के बाद नीतीश के सिस्टम पर सुलगते सवाल

पटना/बेतिया/मुजफ्फरपुर/गोपालगंज क्या बिहार में शराबबंदी फेल हो चुकी है? क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वादों की उन्हीं के सिस्टम ने धज्ज...

पटना/बेतिया/मुजफ्फरपुर/गोपालगंज क्या बिहार में शराबबंदी फेल हो चुकी है? क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वादों की उन्हीं के सिस्टम ने धज्जियां उड़ाकर रख दी हैं? ये सवाल यूं ही नहीं उठे हैं, बेतिया में 5 महीने में दूसरे शराबकांड, मुजफ्फरपुर और गोपालगंज में भी 13 लोगों की मौत के बाद इन सुलगते सवाल से बिहार सरकार घिर गई है। बेतिया में 5 महीने में दूसरा जहरीली शराब कांड जुलाई 2021 में बेतिया में जहरीली शराब का साल का पहला कहर बरपा था।तब लौरिया थाना क्षेत्र के देवरवा देवराज गांव में 16 लोगों की जहरीली शराब ने जान ले ली थी। उसी वक्त पैक्स प्रमुख और तेलपुर के पूर्व मुखिया मोहम्मद जावेद ने मरने वाले 16 लोगों की लिस्ट होने का दावा किया था। उन्होंने मृतकों के नाम तक साझा किए थे। यहां पढ़िए वो खबर 4 नवंबर 2021- बेतिया में इस कांड के ठीक 5 महीने बाद फिर से जहरीली शराब से कई घरों में मातम पसर गया। गांव के लोगों के मुताबिक 3 नवंबर की शाम नौतन थाना के तेलहुआ पंचायत के वार्ड नंबर 2,3,4 के 8 लोगों ने गांव के ही एक टोले में लोगों ने शराब पी। इसके बाद रात से ही सभी की तबीयत बिगड़ने लगी और उनकी मौत हो गई। इनमें से कुछ की घर में तो कुछ की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब का तांडव28 अक्टूबर 2021 को ही मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब ने तांडव किया। पूरा मामला तब सामने आया जब 8 लोगों की मौत हो गई। ये घटना मुजफ्फरपुर के सरैया थाना इलाके के रूपौली और विशहर पट्टी गांव में हुई थी। गोपालगंज में जहरीली शराब से 8 लोगों की मौत इससे एक दिन पहले 2 नवंबर को गोपालगंज में जहरीली शराब ने 8 लोगों की जान ले ली। हालांकि मौत के कारणों की पुष्टि नहीं हुई है। ये दिल दहलाने वाला कांड चारों मोहम्मदपुर के कुशहर गांव में हुआ। इनमें से भी कुछ की मौत घर में तो कुछ की अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। चार साल पहले भी गोपालगंज में हुआ था बड़ा कांड चार साल पहले गोपालगंज के ही नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब कांड में कुल 19 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 06 लोग अंधे हो गए थे। इस शराब कांड के बाद नगर थाना पुलिस ने खजुरबानी गांव के मुख्य अभियुक्त नगीना पासी , रुपेश शुक्ला सहित कुल 14 लोगों को अभियुक्त बनाया था। इस मामले में नामजद एक आरोपी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी। 2021 में सिर्फ 13 नामजद अभियुक्त जिन्दा बचे और गोपालगंज एडीजे दो की कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को खजुरबानी कांड में दोषी करार दिया। इस साल अब तक 82 लोगों की मौत बिहार में पूर्ण शराबबंदी अप्रैल 2016 में लागू कर दी गई थी। हालांकि, शराबबंदी के बावजूद इस साल अब तक 15 अलग-अलग घटनाओं में जहरीली शराब से करीब 82 लोगों की मौत हो चुकी है। बेतिया के मामले को देखें तो इस साल में ये जहरीली शराब से जुड़ा पांचवां बड़ा कांड है। सवाल यही है कि जब राज्य में शराबबंदी लागू है तो पुलिस की नाक के नीचे ही कैसे जहरीली शराब बनाई और पिलाई जाती है। कहा तो यहां तक जाता है कि अगर पुलिस चाह ले तो कोई मंदिर के बाहर से एक चप्पल तक नहीं चुरा सकता। मगर जहरीली शराब के मामले में इसी पुलिस को क्या हो जाता है?


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