शादी की पहली सालगिरह बस दो महीने दूर थी जब मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। वो पुलवामा हमले को अंजाम ...
पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। तब उनकी पत्नी निकिता कौल के साथ उनकी आखिरी मुलाकात ने सभी की आंखें नम कर दी थीं। मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।
शादी की पहली सालगिरह बस दो महीने दूर थी जब मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। वो पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों का पीछा करते हुए 20 घंटे लंबे चले ऑपरेशन में वीरगति को प्राप्त हुए। खबर घर आई तो उनकी पत्नी निकिता कौल बिखर चुकी थीं। अगले छह महीनों में उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला। वो बिखरे टुकड़े समेटे और तय किया कि मेजर विभूति की विरासत को आगे बढ़ाएंगी। भारतीय सेना में शामिल होंगी। मेजर विभूति को गए दो साल हो चुके हैं और अब निकिता कौल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट हैं।
18 फरवरी 2019 को हुए थे शहीद
14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बाद सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। 18 फरवरी 2019 को पुलवामा के पिंगलिना गांव में आतंकियों से हुए एनकाउंटर में मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। इसमें चार और जवान शहीद हुए थे।
पति की शहादत के बाद भी नहीं टूटीं
निकिता कहती हैं, "मुझे लगता है कि वो हमेशा मेरी जिंदगी का हिस्सा रहेंगे। वह यहीं कहीं हैं। मैं उन्हें महसूस कर सकती हूं। वो मुझे थामकर कह रहे हैं, 'तुमने कर दिखाया।'" सेना की नई रंगरूट ने कहा, "इन 11 महीनों में मैंने बहुत कुछ सीखा है। मैं उन सबका शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जिन्होंने मुझपर भरोसा किया। इससे मेरा सफर आसान हो गया... औरतों को खुद पर भरोसा रखना ही चाहिए। कई बार जिंदगी बेहद मुश्किल लगती है, आपको लगता है कि कुछ भी आपके लिए नहीं हो रहा है। आपको लगेगा कि आप हार रहे हैं लेकिन आपको समझना होगा कि यह जिंदगी का अंत नहीं है। आपको कोशिश करनी होगी, उठना होगा और किसी दिन आज जीत जाएंगे।'
गूंजा था आई लव यू विभू
पति को अंतिम विदाई देते वक्त निकिता ने कहा था, 'आपके जैसा पति मुझे मिला, मैं बहुत सम्मानित हूं। मैं हमेशा तुमको प्यार करती रहूंगी विभू। तुम हमेशा जिंदा रहोगे। आई लव यू विभू।' मेजर विभूति न सिर्फ निकिता के पति बल्कि उनके बेस्ट फ्रेंड भी थे।
34 साल की उम्र में शहीद, नहीं मना पाए थे शादी की पहली वर्षगांठ भी
34 साल के मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनाथ थे। वह देहरादून के रहने वाले थे। विभूति तीन बहनों के इकलौते भाई थे। मेजर विभूति को बचपन से ही सेना में शामिल होने का जुनून था। उनकी शादी को तब सिर्फ 10 महीने हुए थे। 19 अप्रैल 2018 को निकिता कौल के साथ उन्होंने सात फेरे लिए थे।
गोली लगने के बाद भी जान की नहीं की परवाह और डटे रहे विभूति
पुलवामा जिले में तैनात विभूति ढौंढियाल ने बटालियन में आने के बाद कई सफल अभियानों का नेतृत्व किया। जिस दिन वह शहीद हुए, अंतिम सांसों तक आतंकियों के सामने डटे रहे। आतंकवादियों की गोली लगने के बाद भी उन्होंने आतंकियों का पीछा किया। ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद का एक टॉप आतंकी मारा गया। 20 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के दौरान विभूति ने अपने प्राणों की चिंता किए बिना आतंकियों से लोहा लिया। अपनी अंतिम सांसों तक लड़ते रहे।
#WATCH | Delhi: Major Vibhuti Shankar Dhoundiyal’s wife Lieutenant Nitika Kaul and mother Saroj Dhoundiyal receive… https://t.co/nc1OV30p9d
— ANI (@ANI) 1637560299000
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