देहरादून सुनने में यह कहानी आपको मैन वर्सेज वाइल्ड के लाइव टेलिकास्ट की तरह लगेगी। एक शख्स तेंदुए के हमले से बचने के लिए नदी में छलांग लग...
देहरादून सुनने में यह कहानी आपको मैन वर्सेज वाइल्ड के लाइव टेलिकास्ट की तरह लगेगी। एक शख्स तेंदुए के हमले से बचने के लिए नदी में छलांग लगाता है। नदी पार करते हुए जंगल में पहुंच जाता है, लेकिन जंगली जानवरों से भरे इस जंगल में वह दो रात के लिए फंस जाता है। आखिरदार तीसरे दिन उसे रेस्क्यू किया जाता है वो भी बिना किसी खरोंच या निशान के। यह घटना उत्तराखंड के राजाजी वन क्षेत्र का है। गुब्बारे बेचने वाले 30 साल के अनुराग सिंह गुरुवार को ऋषिकेश से अपने घर बिजनौर लौट रहे थे। रास्ते में राजाजी टाइगर रिजर्व का चिल्ला एरिया पड़ा। शाम का वक्त था और गंगा किनारे जंगल का नजारा काफी खूबसूरत लग रहा था। अनुराग ने अपनी बाइक रोकी और अपने फोन से नदी को बैकड्रॉप में रखते हुए सेल्फी लेने लगे। सेल्फी ले रहे थे, तेंदुए ने लगाई छलांग इसी दौरान झाड़ियों से निकल तेंदुआ बाहर आया और अनुराग पर छलांग लगा दी। खतरा देखते हुए अनुराग नदी में कूद गए। अनुराग को रेस्क्यू करने वाली पुलिस टीम में शामिल प्रवीन रावत बताते हैं, 'जैसे ही अनुराग ने नदी में छलांग लगाई, उन्हें लकड़ी का एक लट्ठा मिल गया और उसको पकड़कर वह तैरते हुए जंगल के किनारे पहुंच गए। उनका फोन तो खो गया लेकिन किस्मत से बैग साथ में ही था।' पेड़ पर चढ़कर गुजारी रात बैग वाटर प्रूफ था और उसमें माचिस रखी हुई थीं। अनुराग ने खुद को गर्म रखने के लिए आग जलाई और फिर जंगली जानवरों से बचने के लिए पेड़ पर चढ़ गए। पेड़ पर रात गुजारकर, अगले दिन वह पास के जंगल पहुंचे, इस आस में कि कहीं उन्हें इंसानी आबादी का रास्ता मिल जाए। प्रवीन कहते हैं, 'अनुराग पूरे दिन जंगल में टहलते रहे लेकिन रास्ता नहीं मिला। ऐसे में दूसरी रात भी उन्हें जंगल में ही गुजारनी पड़ी।' पुलिस ने देखा जंगल से उठता धुंआप्रवीन रावत हरिद्वार पर सप्तऋषि चौकी के इंचार्ज हैं। अनुराग ने अगले दिन शनिवार को चलना शुरू किया और हरिद्वार के शदाणी घाट से दूसरी ओर स्थित जंगल के किनारे पर पहुंच गए। उन्होंने फिर से आग जलाई ताकि खुद को गर्म रख सकें और साथ ही उम्मीद भी थी कि इसके धुएं को देखकर शायद उन तक मदद पहुंच जाए। इस बार वह भाग्यशाली रहे और पुलिस ने आग का धुंआ देख लिया। ठंड से कांप रहे था शख्स, जोरों की भूख भी लगी थी रावत ने बताया, 'हम नाव में बैठकर उस इलाके में गए जहां से धुआं उठ रहा था। तभी अनुराग हमें हाथ हिलाते हुए मदद मांगते दिखे। प्रवीन रावत ने जल पुलिस को अलर्ट किया जो इलाके में गंगा नदी पर पट्रोलिंग करती है। प्रवीन रावत ने बताया, 'जब जल पुलिस उन तक पहुंची तो वह कांप रहे थे और भूखे थे। हमने उन्हें कपड़े बदलने के लिए दिए और खाना उपलब्ध कराया। इसके बाद उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई।' पुलिस के अनुसार, अनुराग अपने साथ हुई घटना से हिल गए थे लेकिन सुरक्षित थे। उन्हें बिजनौर के नगल सोती गांव स्थित उनके घर वापस भेजा गया।
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