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West Bengal bypoll: उपचुनाव में भी मिली करारी हार, बंगाल में कैसे अर्श से फर्श तक पहुंची बीजेपी?

कोलकाता पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद उपचुनाव में भी बीजेपी को हार का दंश सहना पड़ा। इतना ही इस बार बीजेपी का वोट फीसदी भी घटकर बहुत...

कोलकाता पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद उपचुनाव में भी बीजेपी को हार का दंश सहना पड़ा। इतना ही इस बार बीजेपी का वोट फीसदी भी घटकर बहुत नीचे पहुंच गया है। उपचुनाव में 14.50 फीसदी वोट मिले जो कि पिछले दोनों चुनाव (2021 विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव) के मुकाबले बेहद कम हैं। विधायकों की संख्या भी घटकर 77 से 70 रह गई है। जबकि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को सभी सीटों पर लगभग 75 फीसदी वोट मिले हैं। विधायक से लेकर सांसदों के दल-बदल और अंदरूनी कलह से जूझ रही बीजेपी के बंगाल में अर्श से फर्श तक कैसे पहुंची, जानिए- चारों सीटों पर टीएमसी ने जीत दर्ज की पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने सभी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया है। टीएमसी ने चारों सीटों पर एकतरफा जीत दर्ज की। टीएमसी ने बीजेपी के खाते से दिनहाटा और शांतिपुर सीटें भी छीन लीं। दिनहाटा और शांतिपुर के अलावा गोसाबा और खरदाह और शांतिपुर में टीएमसी ने परचम लहराते हुए 74.99 फीसदी वोट बटोरे। बीजेपी का हार का फासला भी बढ़ गया उपचुनाव में न सिर्फ बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है, बल्कि हार का अंतर भी बढ़ गया है। दिनहाटा में टीएमसी के उदयन गुहा ने बीजेपी के अशोक मंडल को 1,64,089 वोटों से हराया। जिस सीट से गृह राज्य मंत्री नीतीश प्रमाणिक ने इसी साल मई में चुनाव जीता था, वहां टीएमसी ने न सिर्फ सीट छीनी बड़े अंतर से जीत दर्ज करना बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। शांतिपुर और दिनहाटा भी नहीं बचा पाई बीजेपी इसी तरह गोसाबा में टीएमसी ने 1,43, 051 वोटों के अंतर से बीजेपी को हराया। टीएमसी के सुब्रत मंडल को 1,61,474 वोट मिले जबकि बीजेपी के पलाश राणा को महज 18,423 वोट मिले। शांतिपुर विधानसभा क्षेत्र में टीएमसी के ब्रज किशोर गोस्वामी ने बीजेपी के निरंजन विश्वास को रिकॉर्ड 64,675 मतों से हराया। खारदाह विधानसभा क्षेत्र में राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने बीजेपी के जॉय साह को 93,832 मतों के अंतर से हराया। पिछले दो चुनाव से और घटा वोट फीसदी मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 38.09 फीसदी वोटों के साथ 77 सीट हासिल की थी जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में 18 सीटों के साथ 40.7 फीसदी मत हासिल किए थे। इस बार बीजेपी का वोट प्रतिशत घटकर मात्र 14.50 फीसदी रह गया है। टीएमसी के मुकाबले दूर-दूर तक कोई नहीं दूसरी ओर टीएमसी का वोट फीसदी लगातार बढ़ रहा है। 2021 विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 47.93 फीसदी वोट मिले जबकि 2019 लोकसभा में उसे 43.3 फीसदी वोट मिले। उपचुनाव में टीएमसी का वोट फीसदी 75 पार पहुंच गया है। बीजेपी समेत कांग्रेस और सीपीआई भी टीएमसी से काफी पीछे हैं। सीपीआई को 7.28 फीसदी वोट जबकि कांग्रेस को 0.37 फीसदी वोट ही मिले। टीएमसी के विधायकों की संख्या भी बढ़कर 217 हो गई है। बीजेपी से लगातार नाता तोड़ रहे नेता दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद से ही राज्य में बीजेपी का पतन शुरू हो गया था। धीरे-धीरे एक के बाद एक कई नेताओं ने टीएमसी का दामन थाम लिया। मुकुल रॉय से लेकर बाबुल सुप्रियो टीएमसी में शामिल हो चुके हैं। दो दिन पहले ही राजीब बनर्जी ने भी तृणमूल कांग्रेस में घरवापसी कर ली है। वह ममता सरकार में मंत्री रह चुके हैं लेकिन इस साल विधानसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी में आ गए थे। इनके अलावा सब्यासाची दत्ता ने भी पिछले महीने टीएमसी में घरवापसी कर ली है। हार पर कैलाश विजयवर्गीय ने निकाली खीजउपचुनाव में मिली हार पर बीजेपी के बंगाल प्रभारी और पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया सुर्खियों में हैं। विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी तलवार के बल पर दूसरे दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रही है। उन्होंने इस्लाम से टीएमसी की तुलना करते हुए विजयवर्गीय ने कहा कि देश में इस्लाम भी इसी तरह आया था। विजयवर्गीय ने कहा कि 'जो लोग तृणमूल में जा रहे हैं वे तलवार के बल पर जा रहे हैं। इस्लाम भी देश में इसी तरह आया था। मुझे लगता है कि ये दोनों घटनाएं एक जैसी हैं।'


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