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594 किमी लंबाई, 12 जिले, वायुसेना के विमान भर सकेंगे उड़ान...खूबियां गंगा एक्‍सप्रेस वे की

मेरठ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बाद योगी सरकार अब गंगा एक्सप्रेसवे के साथ पश्चिम यूपी को साधने की तैयारी में जुट गई है। आज प्रधानमंत्री नरे...

मेरठ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बाद योगी सरकार अब गंगा एक्सप्रेसवे के साथ पश्चिम यूपी को साधने की तैयारी में जुट गई है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखने आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि जब यह एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो जाएगा तो यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे से राज्य के आर्थिक विकास के साथ रोजगार के अवसर बढ़ने की भी उम्मीद की जा रही है। आगे पढ़िए 36,200 करोड़ रुपये से अधिक लागत से बनने वाले गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की क्या है खासियत- गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई गंगा एक्‍सप्रेसवे करीब 594 किलोमीटर लंबा और छह लेन का बनाया जाएगा। भविष्य में इसका 8 लेन तक विस्तार किया जा सकेगा। दावा किया जा रहा है कि यह प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। मेरठ के बिजौली गांव के पास से शुरू होकर एक्सप्रेसवे प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव तक जाएगा। क्या है एक्सप्रेसवे का बजट? योगी सरकार ने पिछले साल 26 नवंबर को इस परियोजना की स्वीकृति दी थी। इसके लिए 36,230 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। प्रयागराज से मेरठ होते हुए यह एक्सप्रेसवे कई राज्यों को एक सूत्र में पिरोने वाला है। इससे एनसीआर, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्य के लोगों को लाभ मिलेगा। यूपी के कितने जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे? गंगा एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा जिसमें आधे से ज्यादा पश्चिम यूपी के जिले हैं। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर के साथ-साथ हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। अब तक एक्सप्रेसवे के लिए 94 फीसदी जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। हापुड़ और बुलंदशहर सहित अन्य जिलों के लोगों के आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा। एक्सप्रेसवे पर बनेगी हवाई पट्टी एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी निर्मित की जाएगी, जो वायु सेना के विमानों को आपातकालीन उड़ान भरने और उतरने में सहायता प्रदान करेगी। एक्सप्रेसवे के साथ एक औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का भी प्रस्ताव है। एक्सप्रेसवे से क्या-क्या फायदे? पीएमओ की ओर से दावा किया जा रहा है कि एक्सप्रेसवे से औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। पूरी तरह से निर्मित होने के बाद, यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला, उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा।


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