दौसा राजस्थान में जहां एक ओर फिर से कोरोना बेकाबू होता दिखाई दे रहा है। वहीं इसी बीच प्रदेश में वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने में चिकित्सा विभा...
दौसाराजस्थान में जहां एक ओर फिर से कोरोना बेकाबू होता दिखाई दे रहा है। वहीं इसी बीच प्रदेश में वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने में चिकित्सा विभाग में दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। दरअसल प्रदेश कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन की दहशत और वैक्सीनेशन को लंबा समय गुजर जाने के बाद भी लोग इसकी उपयोगिता को समझ नहीं पा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच पहले जहां चिकित्सा विभाग वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ही वैक्सीन लगाता थाष वहीं अब शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने का कार्य कर रहा है, लेकिन इस दौरान चिकित्सा टीम को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। इसी से जुड़ी दो बड़ी घटनाओं का खुलासा राजस्थान के दौसा जिले से हुआ है। वैक्सीन नहीं लगवाओगी, चाहे मर जाना पड़े...यहां दौसा के नांदरी गांव में जब मेडिकल की टीम एक बुजुर्ग महिला के पास पहुंची। पहले तो महिला मेडिकल टीम के पास ही नहीं आई और दूर से ही गाली गलौज करने लगी। साथ ही कहा कि वह वैक्सीन नहीं लगाएगी, चाहे मर जाने दो। जब चिकित्सा विभाग की टीम ने बार-बार रिक्वेस्ट की तो बुजुर्ग महिला डंडा लेकर चिकित्सा विभाग की टीम के पीछे दौड़ पड़ी, इसके बाद चिकित्सा विभाग की टीम को भी उल्टे पांव भागना पड़ा। नांदरी गांव के बाद बहरावंडा में घटना वहीं नांदरी गांव के बाद बहरावंडा गांव में भी वैक्सीन लगाने गई मेडिकल विभाग की टीम पर हमला की खबर सामने आई। यहां एक आशा सहयोगिनी पर लाठियों से कई वार किए गए, जिसके आशा सहयोगिनी के सिर, हाथ और कमर में गंभीर चोटें आई हैं। घटना के बाद आशा सहयोगिनी को अस्पताल ले जाया गया ,जहां उसका प्राथमिक उपचार भी किया गया। इधर इस तरह की घटनाओं के बाद मेडिकल विभाग के कर्मचारियों में आक्रोश है।
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