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भ्रष्टाचार और विवादों में घिरी BVG पर जयपुर हैरिटेज नगर निगम ने लिया बड़ा एक्शन, पहले दिए थे साढे चार साल में 480 नोटिस

जयपुर, रामस्वरूप लामरोड़ जयपुर शहर में सफाई का जिम्मा संभालने वाली बीवीजी कंपनी (BVG Company) का टेंडर नगर निगम प्रशासन ने निरस्त कर दिया...

जयपुर, रामस्वरूप लामरोड़ जयपुर शहर में सफाई का जिम्मा संभालने वाली बीवीजी कंपनी (BVG Company) का टेंडर नगर निगम प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। नियम और शर्तों की पालना नहीं करने पर जयपुर हैरिटेज नगर निगम ने यह टेंडर निरस्त किया है। बीवीजी कंपनी के पास पिछले पांच साल से जयपुर शहर में घर घर से कचरा संग्रहण करने के साथ सभी प्रतिष्ठानों से कचरा एकत्रित करने का टेंडर था। बीवीजी के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों और जयपुर शहर में जगह जगह लगे कचरे के ढेर लगने के कारण निगम ने बीवीजी का टेंडर तुरंत प्रभाव से निलम्बित कर दिया। साढे चार साल में 480 नोटिस दिए गए बीवीजी को टेंडर निरस्त करने से पहले जयपुर नगर निगम प्रशासन ने बीवीजी कंपनी को सैंकड़ों बार नोटिस जारी किए। सुधार के बजाय कंपनी केवल नोटिस का गोलमोल जवाब भेजती रही। कई बार निगम के नोटिसों को अनदेखा किया गया। पिछले साढे चार साल में निगम की ओर से बीवीजी कंपनी को 480 बार नोटिस जारी किए। इसके बावजूद भी जयपुर की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। इस कारण कंपनी को समय पर भुगतान भी नहीं किया गया। भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि सफाई व्यवस्था में विफल रही बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। निगम से भुगतान प्राप्त करने के लिए 20 करोड़ रुपए की घूस देने से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था। इसके बाद तत्कालीन महापौर सोम्या गुर्जर को अपना पद गंवाना पड़ा। घूसकांड में सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर की संलिप्तता पाई गई। एसीबी ने बीवीजी कंपनी के मैनेजर सहित राजाराम गुर्जर को गिरफ्तार भी किया था। फिलहाल वे जेल से बाहर हैं। बार बार हड़ताल पर जाते रहे बीवीजी के कर्मचारी घर घर से कचरा एकत्रित करने के लिए बीवीजी कंपनी ने हजारों सफाई कर्मचारियों को नियुक्ति दी थी। समय पर वेतन नहीं मिलने पर ये सफाई कर्मी हड़ताल की राह अपनाते रहे। हड़ताल की वजह से शहर में कचरे के ढेर लग जाते। सफाई नहीं होने से आमजन परेशान रहा। ऐसे में शिकायतों और शिकायतों के बावजूद भी सुधार नहीं करने पर बीवीजी के खिलाफ टेंडर निरस्त करने का एक्शन लिया गया। हैरिटेज के बाद अब ग्रेटर निगम भी ले सकता है सख्त एक्शन जयपुर शहर में अब दो नगर निगम हो गए हैं। पुराने शहर का परकोटा क्षेत्र नगर निगम हैरिजेट के क्षेत्र में आता है जबकि पुराने शहर के बाहर का पूरा इलाका जयपुर नगर निगम ग्रेटर के क्षेत्र में आता है। सफाई व्यवस्था पूरे शहर की बदहाल है। हैरिटेज नगर निगम के बाद अब ग्रेटर नगर निगम भी बीवीजी कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने वाला है। अब नगर निगम खुद संभालेगा सफाई व्यवस्था हैरिटेज नगर निगम अब स्वयं के स्तर पर साफ सफाई की व्यवस्था करेगा। नगर निगम में 10 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी हैं। निगम आयुक्त अवधेश मीना के मुताबिक सुबह और शाम दो अलग अलग पारियों में सफाई की जाएगी। सुबह की शिफ्ट 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम की शिफ्ट दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगी। साथ ही जनता से आग्रह किया गया है कि जब तक कचरा उठाने वाली गाड़ी घर तक नहीं पहुंचे तब तक कचरा डस्टबिन में ही एकत्रित करें और निगम का सहयोग करें।


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