मुंबई: कोरोना वायरस(Corona Virus) से जंग में आगे रहने वाले हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स(Frontline Worker) पर पहली बार बीएमसी(BMC) सीर...

मुंबई: कोरोना वायरस(Corona Virus) से जंग में आगे रहने वाले हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स(Frontline Worker) पर पहली बार बीएमसी(BMC) सीरो सर्वे(Sero Survey) करने जा रही है। यह छठवां सीरो सर्वे तीन चरणों में 3 हजार हेल्थकेयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स पर किया जाएगा। इन समूहों में बनी एंटीबॉडीज का प्रमाण जानने और इन्हें बूस्टर डोज(Booster Dose) की आवश्यकता है कि नहीं यह तय करने के लिए यह सीरो सर्वे किया जाएगा। इसके लिए मार्च में सैंपल इकट्ठे किए जाएंगे। बता दें कि वैक्सीनेशन अभियान को एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में बीएमसी सीरो सर्वे करने वाली थी, लेकिन तीसरी लहर के दस्तक के बाद उक्त सीरो सर्वे नहीं हो पाया था। तीसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद बीएमसी फिर से सीरो सर्वे करने जा रही है, लेकिन यह सीरो सर्वे सिर्फ हेल्थकेयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स पर किया जा रहा है। अगले माह मार्च में इन समूहों के लोगों का सैंपल इकट्ठा करने के तीन महीने बाद बीएमसी दोबारा 3 हजार हेल्थकेयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स का सैंपल इकट्ठा करेगी। इसके बाद बीएमसी फिर से 6 महीने के अंतराल पर इन समूहों का सैंपल इकट्ठा करेगी। अस्पताल से इकट्ठे होंगे सैंपल काकानी ने बताया कि हेल्थकेयर वर्कर्स का सैंपल अस्पताल से और फ्रंट लाइन वर्कर्स का सैंपल पूरे 24 वॉर्ड से इकट्ठे किए जाएंगे। पहले इकट्ठे किए सैंपल के सीरो सर्वे की रिपोर्ट एक माह के भीतर आ जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सीरो सर्वे में हमारा फोकस भीड़ के बीच हर्ड इम्युनिटी का पता लगाने के बजाय ब्रेकथ्रू संक्रमण के कारणों का पता लगाने पर होगा। ब्रेक थ्रू इंफेक्शन का बढ़ा प्रमाण मुंबई में वैक्सीन लेने के बाद भी ब्रेकथ्रू का इंफेक्शन तेजी से बढ़ा है। बीते एक वर्ष में कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके 87 लाख अधिक लोगों में से 1.89 फीसद यानी डेढ़ लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि पहली खुराक ले चुके एक करोड़ से अधिक लोगों में से महज 0.22 फीसद यानी 23 हजार से अधिक लोग कोविड संक्रमित हुए हैं। संक्रमित होने वालों में युवा वर्गों की संख्या सबसे अधिक रही है। एक वर्ष में दोनों डोज ले चुके युवाओं में से 80 हजार से अधिक कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। क्या है ब्रेकथ्रू इंफेक्शन? ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का मतलब होता है कोरोना टीके का पूरा डोज या दोनों डोज लेने के 19 सप्ताह बाद दोबारा से संक्रमित हो जाना। काकानी ने बताया कि वैक्सीनेशन के बाद भी लोगों के संक्रमित होने की दो प्रमुख वजह हैं। एक विभिन्न बीमारियों से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना और बुजुर्गों के को-मॉर्बिड होना। दूसरी वजह उचित ध्यान न देने जैसे मास्क न पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना आदि। उन्होंने बताया कि हेल्थकेयर वर्कर्स में भी 'ब्रेकथ्रू इंफेक्शन' के केस मिले हैं। इनमें से कुछ डॉक्टरों में हल्के लक्षण मिले हैं, जबकि कुछ को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। काकानी ने बताया कि अस्पताल में रहते समय डॉक्टर्स कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कड़ाई से करते हैं, लेकिन घर व कमरे में जाने के बाद वे सभी से आमतौर पर मिलते रहे हैं। इसलिए वे कोरोना पॉजिटिव हो गए।
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