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जब कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में शिवराज से भिड़ गई थीं उनकी बुआ यशोधरा राजे

भोपालः केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री जब भी भोपाल आते हैं, मुख्यमंत्री से जरूर मिलते हैं। करीब दो साल पहले सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी...

भोपालः केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री जब भी भोपाल आते हैं, मुख्यमंत्री से जरूर मिलते हैं। करीब दो साल पहले सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था। पार्टी की सदस्यता लेने के बाद जब वे भोपाल आए थे, तब शिवराज ने स्वागत है महाराज कहकर बीजेपी में उनका स्वागत किया था। तब से ही दोनों के बीच अच्छे संबंध बने हुए हैं, लेकिन मार्च 2020 से कुछ महीने पहले तक दोनों एक-दूसरे पर खुलेआम हमला बोलते थे। एक बार तो शिवराज के हमले से उनकी अपनी कैबिनेट की सदस्य और ज्योतिरादित्य की बुआ भी आहत हो गई थीं। यह वाकया अप्रैल, 2017 में हुए अटेर उपचुनाव का है। भिंड जिले में यह सीट उस समय नेता प्रतिपक्ष रहे सत्यदेव कटारे के निधन से खाली हुई थी। कांग्रेस ने उनके बेटे हेमंत कटारे को उम्मीदवार बनाया था। कटारे के चुनाव प्रचार की कमान सिंधिया ने संभाल रखी थी। बीजेपी के लिए यह काम खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे। इसी दौरान शिवराज ने आजादी की लड़ाई में सिंधिया खानदान की भूमिक को लेकर बयान दिया था। इसके बाद उन्हें ज्योतिरादित्य की बुआ यशोधरा राजे के गुस्से का शिकार होना पड़ा। शिवराज ने कहा था कि सिंधिया परिवार ने अंग्रेजों के साथ मिलकर भिंड की जनता पर जुल्म ढाए थे। इसका कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी में ही विरोध हुआ था और इसका कारण यशोधरा राजे की मां राजमाता विजयाराजे सिंधिया थीं। बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहीं राजमाता ने मध्य प्रदेश में बीजेपी के विस्तार में अहम भूमिका निभाई थी। पार्टी के लिए फंडिंग से लेकर चुनाव प्रचार तक में वे मदद करती थीं। शुरुआती दिनों में सिंधिया परिवार की गाड़ियां पार्टी के चुनाव प्रचार में लगाई जाती थीं। यशोधरा राजे ने उन्हीं दिनों की याद दिलाते हुए शिवराज के बयान पर ऐतराज जताया था। यशोधरा ने कहा था कि लोग भूल गए हैं कि सिंधिया परिवार ने बीजेपी के लिए अपनी संपत्ति होम की है। उन्होंने कहा था कि सिंधिया परिवार की नई गाड़ियां बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार में जाती थीं। जब वापस आती थीं तो उनकी स्टीयरिंग, पहिए और दरवाज अलग-अलग होते थे। यशोधराराजे का अपने भतीजे से उस समय काफी विवाद था। राजनीति से ज्यादा सिंधिया परिवार का संपत्ति विवाद इसका कारण था। इसके बावजूद वे न चाहते हुए भी ज्योतिरादित्य के बचाव में उतर आई थीं। बीजेपी के कई नेता भी सिंधिया परिवार के खिलाफ इस कमेंट पर गुस्सा हो गए थे। बीजेपी को इसका खामियाजा चुनाव में भी भुगतना पड़ा था। पहली बार चुनाव लड़े हेमंत कटारे एक हजार से भी कम वोटों से चुनाव जीत गए थे।


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