नई दिल्ली: पंजाब में चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत पंजाब की सियासत से जुड़े सभी...

नई दिल्ली: पंजाब में चुनाव प्रचार अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत पंजाब की सियासत से जुड़े सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पंजाब की सत्ता में आने की कोशिश इतनी पुरजोर है कि कुछ दिग्गजों ने अपनी बेटियों को भी चुनाव प्रचार में उतार रखा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री () भी उनमें से एक हैं। उनकी बेटी हर्षिता केजरीवाल () पंजाब में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार () के लिए वोट मांग रही हैं। हर्षिता केजरीवाल 26 साल की हैं और आईआईटी से ग्रेजुएट हैं। वह पंजाब में चुनाव प्रचार में अपनी मां सुनीता केजरीवाल के साथ पहुंच रही हैं। कई जगह हर्षिता अपने भाषण की शुरुआत सत श्री अकाल से करती नजर आईं। ऐसा लग रहा है कि हर्षिता के जरिए आम आदमी पार्टी का मकसद पंजाब के युवाओं को साधना है। हर्षिता चुनावी सभा के दौरान दावा कर रही हैं कि आम आदमी ऐसी पार्टी है जो छात्रों के हितों के बारे में सोचती है। चुनाव प्रचार के दौरान हर्षिता दिल्ली में अपने पिता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के किए गए विकास कार्यों को भी गिना रही हैं। हर्षिता ने एक रैली में पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भगवंत सिंह मान को अपना चाचा भी कहा। उन्होंने कहा कि मैं अपने चाचा के लिए यहां आई हूं। 'मुझे भाषण देना नहीं आता...'आम आदमी पार्टी के यूट्यूब चैनल पर मौजूद एक वीडियो के मुताबिक, गुरुवार को हुई एक चुनावी सभा में भी हर्षिता केजरीवाल मौजूद थीं। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत सत श्री अकाल से की। हर्षिता ने कहा, 'मुझे भाषण देना नहीं आता है लेकिन आप सबके जोश ने मुझमें भी जान डाल दी है। मैं यहां अपने चाचा भगवंत मान के लिए वोट मांगने आई हूं।' हर्षिता ने अपने भाषण में आगे कहा कि अगर किसी ने बच्चों के लिए उनकी तरक्की के लिए सोचा है तो वह सिर्फ आम आदमी पार्टी है। उन्होंने केजरीवाल सरकार के दिल्ली की सत्ता में आने के बाद से दिल्ली के सरकारी स्कूलों की बेहतर हुई तस्वीर को बयां किया। 'पापा से सीखा देश में रहकर देश की तरक्की में योगदान देना है..'हर्षिता ने अपने भाषण में कहा कि उनके कई दोस्त अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करने विदेश चले गए। लेकिन उन्होंने अपने पापा से सीखा कि देश में रहना है, देश के लिए काम करना है और देश की तरक्की में योगदान देना है। इसलिए उन्होंने भी फैसला किया कि वह भी देश में ही रहेंगी, चाहे कुछ भी करें बिजनेस करें या नौकरी लेकिन रहेंगी देश में ही। 'मुख्यमंत्री बनने नहीं समाजसेवा करने आए हैं पापा' हर्षिता ने पिता अरविंद केजरीवाल के बारे में आगे कहा कि उनके पिता के लिए राजनीति कोई फैमिली बिजनेस नहीं है। वह मुख्यमंत्री बनने नहीं बल्कि समाजसेवा करने आए हैं। लोगों की मदद करने आए हैं, देश को आगे ले जाने आए हैं। वह अपना फर्ज निभा रहे हैं और मुझे अपना फर्ज निभाना है, अपने पैरों पर खड़ा होना है। आगे कहा कि पंजाब में हर युवा, हर बेटी को मौका मिलना चाहिए कि वह पढ़े लिखे और अपने पैरों पर खड़े हो।
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