Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

Ukraine Russia News : 12 घंटे सफर, -7°C तापमान, खुले में कटी रात, फोन की बैटरी हो रही खत्म... पोलैंड बॉर्डर पर फंसे भारतीय छात्रों का दर्द

भोपाल : यूक्रेन में अभी भी भारतीय छात्र फंसे हैं। वतन वापसी को लेकर छात्र यूक्रेन के शहर से पोलैंड की सीमा पर पहुंच रहे हैं। यहां पहुंचने...

भोपाल : यूक्रेन में अभी भी भारतीय छात्र फंसे हैं। वतन वापसी को लेकर छात्र यूक्रेन के शहर से पोलैंड की सीमा पर पहुंच रहे हैं। यहां पहुंचने पर कुछ छात्रों () ने वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि हमारे लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है। पोलैंड की सीमा () पर जमा देने वाली ठंड के बीच बिना भोजन और पानी के फंस गए। छात्रों के पास अब पैसे भी नहीं है। इसके सिवा उनके पास कोई रास्ता भी नहीं है। भोपाल के रहने वाले शुभम मेश्राम ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि यहां माइनस सात डिग्री तापमान है। यहां बहुंत ठंड है। मुझे नहीं पता कि आगे क्या करना है। शुभम मेडिकल छात्रों के उस समूह में शामिल हैं, जिन्होंने शुक्रवार को टेरनोपिल से निजी वाहन किराए पर लेकर युद्धग्रस्त यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए पोलैंड की तरफ बढ़े। दरअसल, यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिवार उन्हें घर वापस आने के लिए जोर दे रहे हैं। ऐसे में जान जोखिम में डालकर खतरनाक यात्रा कर रहे हैं। भारतीय दूतावास की तरफ से उन्हें पोलैंड और हंगरी की सीमा पर जाने की सलाह दी गई है। वहां से छात्रों को भारत लाया जा रहा है। छात्रों को यहां पहुंचने में 12 घंटे का समय लगता है, मगर यहां स्थिति हॉस्टल से भी खराब है। वहां छात्रों का आरोप है कि बॉर्डर से यूक्रेनियों को जाने दिया जा रहा है, मगर हमें वापस किया जा रहा है। इसके साथ ही बॉर्डर पर फंसे छात्रों के फोन की बैटरी खत्म हो रही है और उन्हें डर है कि अपने परिवार के साथ संपर्क कैसे कर पाएंगे। सबसे अहम है कि फोन बंद हो जाने के बाद भारतीय दूतावास से कैसे संपर्क हो पाएगा। भोपाल के 22 वर्षीय शुभम ने कहा कि मैं थक गया हूं, अब क्या करें। मुझे बॉर्डर पर फिर से जाने के लिए कहा गया था और अब ये लोग हमें प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। हम बंदूक की नोंक पर हैं। पुलिस ने हमें स्थिति का कोई वीडियो नहीं लेने के लिए कहा है। शुभम ने बताया कि करीब तीन से चार सौ छात्र पोलैंड की सीमा पर फंसे हुए हैं। इसके साथ ही शुभम ने कहा कि जब तापमान और गिरेगा तो खुले में रात कैसे बिताएंगे। शुभम मेश्राम ने यह भी बताया कि हमलोग टेरनोपिल से शुक्रवार की शाम करीब छह बजे निकले थे। वहीं, कुछ भारतीय छात्र बस से निकले थे। हमें 10 से 12 घंटे पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचने में लगे। शनिवार की सुबह से हमलोग यहां खड़े हैं। अब हमारे पास इतनी उर्जा नहीं है कि हम रोमानिया बॉर्डर जा सके। उन्होंने बताया कि यूक्रेन के लोगों को पोलैंड में एंट्री मिल रही है, हमें नहीं। हमलोग फिर कोशिश करेंगे। अगर नहीं हुआ तो हमारे पास सिर्फ टेरनोपिल लौटने का ही रास्ता बचेगा। इसके साथ ही शुभम ने भारत सरकार से निकालने की अपील की है। साथ ही कहा है कि हम मुश्किल में हैं। हमारी स्थिति बहुत खराब है और मदद की जरूरत है। वहीं, शुभम का परिवार भोपाल के कोलार इलाके में रहता है। ये लोग काफी चिंतित हैं। शुभम के भाई हर्ष ने बताया कि भारतीय दूतावास के निर्देश के बाद ही मेरा भाई वहां गया। 300-400 स्टूडेंट पोलैंड बॉर्डर पर हैं। मगर उनकी मदद के लिए वहां कोई नहीं है। हमलोग लगातार उसके संपर्क में हैं।


from Local News, लोकल न्यूज, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, state news in hindi, राज्य समाचार , Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/t4x5JCG
https://ift.tt/PKr6iLD

No comments