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जवाबदेही कानून की मांग पर 19 दिन तक जयपुर में चला धरना, अरुणा राय ने कहा- राजस्थान सरकार नहीं निभा रही वादा

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में 19 दिन तक ( ) की मांग को लेकर धरना दिया गया। सोमवार को इसके समापन पर सामाजिक कार्...

रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में 19 दिन तक ( ) की मांग को लेकर धरना दिया गया। सोमवार को इसके समापन पर सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय (Aruna Roy) फिर अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर वे सत्ता में आएंगे तो जवाबदेही कानून लाएंगे। सत्ता में आने के तीन साल गुजर जाने के बावजूद भी अभी तक प्रदेश सरकार जबावदेही कानून के लिए विधेयक पेश नहीं किया है। राजस्थान में जवाबदेही कानून की मांग को लेकर पिछले कई साल से आन्दोलन चल रहा है। उन्होंने बताया कि नवम्बर, दिसम्बर और जनवरी में प्रदेशभर में इस कानून की उपयोगिता और जरूरत बताते हुए जनआन्दोलन चलाया गया। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस मदन लोकुर, सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय, निखिल डे, कविता श्रीवास्तव, निशा सिद्धू सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं ने कहा कि जवाबदेही कानून नहीं लाकर प्रदेश सरकार ने जनता के साथ वादा खिलाफी की है। जवाबदेही कानून राजस्थान ही नहीं पूरे देश के लिए आवश्यक- जस्टिस मदन लोकुर जयपुर के शहीद स्मारक पर 19 दिन तक चले धरने के समापन के अवसर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि जवाबदेही कानून केवल राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश की जरूरत है। इसे विधानसभा में पास करके तत्काल लागू करना चाहिए। जस्टिस लोकुर ने कहा कि जब लोगों के हकों का उलंघन होता तो वे आन्दोलन का रुख अपनाते हैं और अदालतों की ओर रुख करते हैं। दूर दराज गांव और कस्बों में रहने वाले लोगों की शिकायत और लिखित आग्रह के बाद भी सालों तक काम नहीं होता है। काम क्यों नहीं हो रहा, यह कारण बताने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी का नहीं चलता है। काम को अटकाने वालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती। ऐसे में पारदर्शी प्रशासन तभी संभव है जब जवाबदेही तय हो। जवाबदेही कानून पारित नहीं होने तक हमारा यह संघर्ष जारी रहेगा -अरुणा राय सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय ने कहा कि जवाबदेही कानून का मसौदा तैयार है। सरकार को इस पर अध्ययन करके विधेयक तैयार करना है और इसे विधानसभा में पारित करना है। जबावदेही कानून बन जाने से हर व्यक्ति का काम हो सकेगा। सभी विभागों में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों की जबावदेही तय हो जाएगी। कोई भी फाइल या आवेदन प्राप्त होने के बाद निश्चित समय में कार्य करने की जिम्मेदारी तय हो जाएगी। कार्य नहीं होने पर इसका लिखित कारण प्रस्तुत करना होगा। जवाबदेही कानून आम आदमी जरूरत है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पारदर्शी प्रशासन के लिए जवाबदेही कानून लाने का वादा किया लेकिन अभी तक इस संबंध में विधेयक पेश नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश में जवाबदेही कानून पारित नहीं होगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। होली के बाद फिर चलेगा जनजागरण अभियान बीते चार महीने में प्रदेश के विभिन्न जिलों में जवाबदेही कानून के प्रति जागरूकता लाने के लिए जनजागरण अभियान चलाया गया। इस आन्दोलन से जुड़े कमल टाक और मुकेश ने बताया कि होली के बाद एक बार फिर प्रदेश के 21 जिलों में जवाबदेही यात्रा शुरू की जाएगी। हर जिले में यात्राएं निकाल कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा।


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