जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि वह राहुल गांधी की तरह किसी पर भी व्यक्तिगत हमले नहीं करते हैं। उन्हो...
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि वह राहुल गांधी की तरह किसी पर भी व्यक्तिगत हमले नहीं करते हैं। उन्होंने कश्मीर न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने संसद में 7 साल तक विपक्ष के नेता के रूप में पीएम मोदी की नीतियों की आलोचना की है। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने एक क्लिप को रिट्वीट करते हुए इसे 'जलवायु परिवर्तन' करार दिया है। उन्होंने कहा, "जलवायु परिवर्तन हो गया है और ये जनाब भाजपा के भरोसेमंद सिपाही बन गए हैं।"
गुलाम नबी आजाद ने इस इटंरव्यू में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जी-23 बनने के बाद उन्हें बीजेपी से जोड़ना शुरू कर दिया था। आजाद ने कहा, "जब हमने पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग करते हुए पत्र लिखा तो वे भड़क गए। यह झूठ फैलाया गया कि यह पीएम मोदी के इशारे पर लिखा गया था। इस झूठ की शुरुआत कांग्रेस कार्यसमिति और नेता से हुई। मैंने कहा कि पीएम मोदी पागल नहीं हैं कि वह हमसे कांग्रेस को मजबूत करने के लिए कहेंगे।"
उन्होंने बीजेपी के साथ उनके संबंधों के आरोपं पर कहा, "गुलाम नबी को कोई हुक्म नहीं दे सकता। मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं है और एक भी प्राथमिकी नहीं है। मेरे पास कोई संपत्ति नहीं है। मैं किसी से क्यों डरूं?" उन्होंने कहा, "मैं संसद में 7 साल तक पीएम मोदी के पास बैठा रहा और उनकी नीतियों की तीखी आलोचना की है। फर्क सिर्फ इतना है कि मैं व्यक्तिगत हमले नहीं करता। मैं नीतियों पर हमला करता हूं, व्यक्तियों पर नहीं क्योंकि अल्लाह व्यक्ति बनाता है। जिन लोगों ने मुझे उनसे जोड़ा, उन्होंने यह भी कहा कि मुझे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और यहां तक कि मनोनीत राज्यसभा सदस्य बनाया जाएगा। लेकिन क्या वास्तव में कुछ हुआ?"
कांग्रेस से बाहर निकलने के बाद गुलाम नबी आजाद अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू करने की तैयारी में हैं। रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह 10 दिनों में अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे। उन्होंने एक रैली के दौरान कहा, "आजाद जानता है कि क्या किया जा सकता है और क्या नहीं। मैं या कांग्रेस पार्टी या तीन क्षेत्रीय दल आपको अनुच्छेद 370 वापस नहीं दे सकते हैं। ममता बनर्जी, डीएमके, एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी आपको इसे वापस नहीं दिला सकते हैं।''
उन्होंने आगे यह भी कहा, ''कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं अनुच्छेद 370 के बारे में बात नहीं करता। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आजाद चुनावी फायदे के लिए लोगों को बेवकूफ नहीं बनाता है।"