दुर्गापूजा के छठे दिन गुरुवार काे मां कात्यायनी की पूजा हुई। इसी के साथ सभी बंगाली अखाड़ा में देवी का पट खाेल दिया गया। सप्तमी को मंदिराें ...

दुर्गापूजा के छठे दिन गुरुवार काे मां कात्यायनी की पूजा हुई। इसी के साथ सभी बंगाली अखाड़ा में देवी का पट खाेल दिया गया। सप्तमी को मंदिराें व पंडालाें के पट आम भक्तों के लिए खोले जाएंगे। लंगरटोली स्थित बंगाली अखाड़ा में मां की छोटी प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जा रही है। गुरुवार को यहां मां दुर्गा की प्रतिमा का पट पूरे विधि-विधान से पूजा के बाद खोला गया।
पट खुलने के साथ ही भक्त माता का दर्शन करने पहुंचे। हालांकि, भीड़ अधिक नहीं थी। सचिव अमित सिन्हा ने कहा कि इस वर्ष मंडप के पास भक्त नहीं जाएंगे। दूर से ही माता का आशीर्वाद लेंगे। प्रतिमा के पास जाने पर रोक रहेगी। मंडप पर कोई नहीं चढ़ेगा। पुरोहित एवं सदस्य भक्तों की सहायता करेंगे।
शुक्रवार को 10 से 11 बजे प्राण प्रतिष्ठा की पूजा होगी। वहीं यारपुर स्थित कालीबाड़ी मंदिर के संयुक्त सचिव अशोक चक्रवर्ती ने बताया कि यहां भी मां की प्रतिमा का पट भक्तों के लिए खोल दिया गया है।
25 को नौवीं, 26 को मनेगी विजयादशमी
दशहरा की तिथियों को लेकर भक्तों के बीच थोड़ी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बाबत शहर के चार पंडितों ने कहा कि भक्त किसी तरह के संशय में नहीं रहें। 23 अक्टूबर को महासप्तमी और 26 अक्टूबर को विजयादमी मनेगी। ज्योतिर्वेद विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. राजनाथ झा के मुताबिक, किसी-किसी पंचांगकार के कारण पर्वों में दुविधा उत्पन्न हो जाती है, जो शास्त्रोचित नहीं है।
इस बार दुर्गापूजा में कुछ लोगों ने 25 अक्टूबर को भी विजयादशमी का उल्लेख किया है, जो पूर्णत: निराधार है। चूंकि 26 अक्टूबर को दिन के 11:43 बजे तक दशमी तिथि है और सनातन धर्म के धर्मशास्त्रीय ग्रंथों में यह वर्णित है कि देवी का आवाह्न व विसर्जन पूर्वाह्न में ही करना चाहिए। ऐसे में 26 अक्टूबर को दोपहर बाद देवी का विसर्जन किया जा सकता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी के मुताबिक, सप्तमी 23 अक्तूबर को दिन के 12:09 बजे तक है। इसके बाद अष्टमी प्रारंभ हो जाएगी। 24 अक्तूबर को दिन के 11:27 बजे तक अष्टमी रहेगी, उसके बाद नवमी प्रारंभ होगी। 25 अक्तूबर को दिन के 11:14 तक नवमी रहेगी और इसके बाद दशमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। 26 अक्तूबर को दिन के 11:33 बजे तक दशमी तिथि रहेगी।
अखंड वासिनी के पंडित विशाल तिवारी के मुताबिक, 24 अक्टूबर को 11:23 बजे से महानवमी है। उन्होंने कहा कि नवमी 25 अक्टूबर और 10वीं 26 अक्टूबर को मनेगी। श्रीसाईं शिवकृपा मंदिर के पंडित नवल किशोर पांडेय के अनुसार रविवार को दिन के 11:14 बजे उदयातिथि होने के कारण पूरे दिन नवमी मानी जाएगी। 10वीं 26 अक्टूबर को 11:33 बजे दिन से होगी।
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