झारखण्ड राज्य से आकर सोन नदी में मिलने वाली उतर कोयल नदी के आक्रम्य स्थल बान्दू गांव में जलसंसाधन विभाग सोन नदी के कटाव को रोकने के लिए कटा...

झारखण्ड राज्य से आकर सोन नदी में मिलने वाली उतर कोयल नदी के आक्रम्य स्थल बान्दू गांव में जलसंसाधन विभाग सोन नदी के कटाव को रोकने के लिए कटाव निरोधक कार्य कराया जाएगा।
यह जानकारी इन्द्रपुरी बराज प्रमण्डल के कार्यपालक अभियंता रविन्द्र चौधरी ने दैनिक भास्कर को दिया। श्री चौधरी अभियंताओं के दल के साथ कटाव स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे हुए थे। उन्होंने बताया कि बान्दु में 1 करोड़ 30 लाख की लागत से 220 मीटर में बोल्डर पिचिंग का कार्य होगा जब कि डेहरी शहर के बीएमपी में 1 करोड़ 92 लाख की लागत से 2 सौ 70 मीटर में जिओ बैग लगाकर कटाव निरोधक कार्य किया जायेगा।
कार्यपालक अभियंता ने कहा कि प्रधान सचिव जलसंसाधन विभाग के निर्देश पर कटाव निरोधक कार्य कराने के लिए डीपीआर बना कर विभाग को भेजा गया था। राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक में समर्पित प्रस्ताव में से कुछ भाग को काटकर कटाव निरोधक कार्य कराने निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह पुनः एसआरसी की बैठक होगी और उस बैठक के लिए विस्तृत प्रतिवेदन समर्पित करना पड़ता है उसी के तैयारी के लिए स्थल निरीक्षण कर बान्दु में 1 करोड़ों 30 लाख रूपये खर्च करेगा।
सोन नदी के किनारे कटाव रोकने के लिए 220 मीटर लंबा होगा बोल्डर पिचिंग
उलेखनीय है कि चेनारी के निवर्तमान विधायक ललन पासवान ने राज्य के जलसंसाधन मंत्री एवम प्रधान सचिव जलसंसाधन विभाग को पत्र लिखकर बान्दु गांव में कटाव निरोधक कार्य कराने का मांग किया था कि नौहट्टा प्रखण्ड के बान्दू व अमरखा गांव के सामने उतर कोयल नदी के मिलान के प्रभाव के कारण सोन नदी का कटाव वर्ष 1975 से लगातार हो रहा है ।
इन दोनों गांव के नीची जमीन होकर नदी की धारा बदलने की सम्भावना है। जिसके कारण सरकार द्वारा 220 मीटर में बोल्डर पिचिंग कराया जाएगा।
कटाव के कारण सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि सोन नदी में हो गई है विलीन
इंद्रपुरी बराज के कार्यपालक अभियंता रविन्द्र चौधरी ने बताया कि झारखंड राज्य से आकर उतर कोयल नदी बान्दू अमरखा गांव के ठीक सामने सोन नदी में मिलती है। जिसके मिलान के प्रभाव से यहां सोन नदी का कटाव तेज गति से हो रहा था। सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि सोन नदी में विलीन हो गया है।
उन्होंने बताया कि 18 अगस्त 2016 को झारखण्ड राज्य के पलामू जिला के मोहम्दगंज में उतर कोयल नदी पर बना भीम बराज से अचानक 6 लाख क्यूसेक पानी और उतर प्रदेश के रिहन्द जलाशय मध्य प्रदेश के बाणसागर जलाशय से एक साथ अचानक पानी छोड़ दिए जाने से सोन नदी में 14 लाख क्यूसेक पानी बह रहा था जिसके कारण बाढ़ आ गयी थी। सैकड़ो एकड़ कृषि योग्य भूमि नदी के मुख्य धारा में विलीन हो गया था ।
अभियंताओं का दल ने किया निरीक्षण
इंद्रपुरी बराज प्रमण्डल द्वारा इस कार्य का प्रस्ताव राज्य के जलसंसाधन विभाग के प्रधान सचिव एवम राज्य के बाढ़ कटाव निरोधक समिति को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
विभागीय निर्देश पर इसके लिए जलसंसाधन विभाग के इन्द्रपुरी बराज के कार्यपालक अभियन्ता रविन्द्र चौधरी सहायक अभियंता सुनील कुमार कनीय अभियंता विकास कुमार राकेश कुमार ने अभियंताओं के दल के साथ नौहट्टा प्रखण्ड के बान्दू अमरखा गांव का निरीक्षण किया ।
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