मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस विधानसभा चुनाव को अपना अंतिम चुनाव बताए जाने पर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी...

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इस विधानसभा चुनाव को अपना अंतिम चुनाव बताए जाने पर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी यादव और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव में हार के डर से नीतीश कुमार ने संन्यास की घोषणा की है। चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री मैदान छोड़कर भाग रहे हैं।
वहीं, जीतनराम मांझी का कहना है कि मुख्यमंत्री को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। इधर, जदयू के प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने कहा कि राजनेता और डॉक्टर कभी रिटायर नहीं होते। नीतीश कुमार बिहार एनडीए का नेतृत्व कर रहे हैं। अंतिम सांस तक बिहार की सेवा करते रहेंगे। कोई टायर्ड-रिटायर्ड की बात नहीं है। न रिटायर थे, न रिटायर हैं।
तेजस्वी का तंज: मेरी बात सच साबित हुई, नीतीश जी थक चुके हैं
सीएम नीतीश कुमार के अंतिम चुनाव के ऐलान के बाद महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरी बात सच साबित हो गई। मैं जो बात पहले से कहता रहा हूं कि नीतीश कुमार जी थक चुके हैं और उनसे बिहार संभल नहीं रहा है, वो सही साबित होने लगा है। वे अब तक जमीनी हकीकत को पहचान नहीं पाए थे। चुनाव प्रचार के क्रम में जब राज्य की जमीनी सच्चाई का पता चला तो उन्हें अहसास हुआ और संन्यास लेने की घोषणा कर ही दी।
कांग्रेस की टिप्पणी: संन्यास की घोषणा से अच्छा जनता से माफी मांग लेते
कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बिहार का यह चुनाव देश कि राजनीति का भाग्य बदलेगा। टायर्ड व रिटायर्ड नीतीश जी ने रिटायरमेंट स्वीकार कर ली है। नीतीश-मोदी ने जितना बिहार का नुकसान किया है वो 73 वर्षों में कभी नहीं हुआ। नीतीश जी ने बिहारियों का अपमान नहीं किया होता तो आज उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता। अब जब उन्हें हार दिख रही है तो उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी है। अच्छा होता नीतीश कुमार जनता से माफी मांग लेते।
चिराग का हमला: जेल जाने के डर से संन्यास ले रहे हैं नीतीश कुमार
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मैदान छोड़कर भाग रहे हैं। ऐसे लोगों पर कौन विश्वास करेगा। वे जेल जाने के डर से संन्यास ले रहे हैं। जदयू के लोग अब बेरोजगार हो गए हैं। उनमें हड़कंप है। नीतीश कुमार ने पांच साल का हिसाब दिया नहीं और अभी ही बता दिया कि वे आगे भी हिसाब देने को तैयार नहीं हैं। वे हिसाब देने नहीं आएंगे। पर, अगले चुनाव में न साहब रहेंगे न जदयू। फिर हिसाब किससे लेंगे?
मांझी की सलाह: फैसला बिहार हित में नहीं, पुनर्विचार करें मुख्यमंत्री
पूर्व मुख्यमंत्री व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार का यह फैसला बिहार के हित में नहीं है। उन्हें अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। मांझी ने कहा कि 75 वर्ष की उम्र तक नेताओं को एक्टिव राजनीति में रहना चाहिए। उसके बाद विधान परिषद और राज्यसभा है। मुख्यमंत्री ने भावना में यह बयान दिया है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। उनके इस निर्णय से बिहार ही नहीं देश को भी घाटा होगा। कौन जानता है कि आने वाले दिनों में वे देश के शीर्ष स्थान पर हों।
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