क्षेत्र में किसानों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है। इन दिनों तैयार धान की फसलों में टिड्डी का प्रकोप ज्यादा देखा जा रहा है। किसान ध...
क्षेत्र में किसानों की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है। इन दिनों तैयार धान की फसलों में टिड्डी का प्रकोप ज्यादा देखा जा रहा है। किसान धान काटने के समय धान की बालियां खेतों में गिरी देख चिंतित नजर आ रहे हैं।
इस बार मौसम की मेहरबानी से या यूं कहें कि रुक-रुक कर के हो रही बारिश से क्षेत्र में सभी जगह धान की फसलें अच्छी हुई है परंतु वही जहां पानी लगा हुआ था, वहां फसल नुकसान हो गई। बाद में किसानों द्वारा धान की फसलें लगाई गईं, वह फसल पिछात हो गई और टिड्डी के आतंक के चपेट में आ गई।
किसान महेश मेहता, सिंधु दुबे, लखन यादव, प्रवेश यादव, देवेंद्र दुबे आदि किसानों का कहना है कि धान की फसल इस बार अच्छी पैदावार की उम्मीद है परंतु वहीं पानी जमने वाले स्थानों पर बाढ़ का प्रकोप रहा और सारी धान की फसलें गल गईं, वहां के किसान मुश्किल में हैं। किसानों द्वारा दुबारा धान की रोपनी कराई गई।
अब उसमें भी धान की फसल भी कम लगे और ऊपर से टिड्डी दल का प्रकोप उस धान के खेतों में ज्यादा देखा जा रहा है। वही किसानों का कहना है कि धान की पत्तियां, तने एवं बालियां काट रहे हैं। जिससे किसानों को धान की पैदा होते हुए भी नुकसान पहुंच रहा है। क्योंकि धान की बालियां खेतों में गिर रही हैं। पत्तियां और तने काटने से किसानों को पुआल में भी कमी आएगी।
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