पूर्णिया के धमदाहा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यह कहते ही कि यह उनका ‘अंतिम चुनाव’ है, राजनीतिक गलियारे में खलबली मच गई हो लेकिन विश्लेष...

पूर्णिया के धमदाहा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यह कहते ही कि यह उनका ‘अंतिम चुनाव’ है, राजनीतिक गलियारे में खलबली मच गई हो लेकिन विश्लेषक इसके मायने खोजने में जुटे हैं। राजद ने सीएम के ऐलान को वोटरों को लुभाने के लिए खेला गया इमोशनल कार्ड कहा है। लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि 10 नवंबर को मतगणना के दिन नीतीश कुछ और चौंकाने वाला कदम उठा सकते हैं।
कांग्रेस नेता शकीलुज्जमां अंसारी ने कहा कि नीतीश कुमार की चाल का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है लेकिन भाजपा ने बिहार में जिस तरह की राजनीति की उससे जदयू अलग-थलग पड़ गया है। मुख्यमंत्री ने ‘अंतिम चुनाव’ जैसी बात दरअसल, पिछड़ी जातियों के वोट बैंक को लुभाने के लिए की क्योंकि कोरोनाकाल में प्रवासियों की घर वापसी के सवाल पर सरकार ‘एंटी इन्कम्बेंसी’ का सामना कर रही है।
मुख्यमंत्री ने नागरिकता कानून पर भी रुख साफ नहीं किया है। हालांकि चुनाव प्रचार के अंत में उन्होंने इतना जरूर कहा कि इस देश से किसी को कोई बाहर नहीं निकाल सकता। राजद ने कहा कि बीते 15 साल में जो काम नहीं हुए उसके लिए नीतीश कुमार के अलावा किसी और को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नीतीश कुमार ने नतीजा आने से पहले ही हार मान ली है। उन्होंने जो इमोशनल कार्ड चला है, वह उनके परफार्मेंस का प्रतीक नहीं है बल्कि बेचारगी भरी बात है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/353pIMM
https://ift.tt/38mQW30
No comments