राजस्थान के जिला प्रमुख चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त शह-मात का खेल देखने को मिला है. प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में भले बी...
राजस्थान के जिला प्रमुख चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त शह-मात का खेल देखने को मिला है. प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में भले बीजेपी अपना प्रमुख बनाने कामयाब रही हो, पर कई जिलों में बहुमत का आंकड़ा होने के बाद भी वो अपना प्रमुख बनाने से महरूम रह गई है. ऐसा ही सियासी झटका कांग्रेस को भी एक जिले लगा है, जहां बहुमत का नंबर होने के बाद भी पार्टी अपना जिला प्रमुख नहीं बना सकी है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों को इसलिए झटका लगा, क्योंकि उनके अपने ही बागवत कर बैठे थे.
राजस्थान के बूंदी जिले में बीजेपी को परिषद के चुनाव में बहुमत मिला था, लेकिन कांग्रेस के दांव के चलते वो अपना जिला प्रमुख नहीं बना सकी. बूंदी जिला परिषद प्रमुख चंद्र कला कंवर प्रमुख चुनी गईं. चंद्र कला बीजेपी के टिकट पर जिला परिषद सदस्य चुनी गई थीं, लेकिन जिला प्रमुख के चुनाव में पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं. ऐसे में कांग्रेस के समर्थन से चंद्र कला जिला प्रमुख बनने में कामयाब रहीं. हालांकि, जिला प्रमुख बनते ही चंद्र कला ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, उन्हें राज्यमंत्री अशोक चांदना ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस तरह से कांग्रेस ने बूंदी की हारी बाजी अपने नाम कर ली है.
बीजेपी को सबसे बड़ा झटका अजमेर जिला प्रमुख के चुनाव में लगा है. अजमेर जिला परिषद सदस्य के चुनाव में 32 सीटों में से 21 सीट पर बीजेपी ने जीती थी और कांग्रेस को 11 सीटें मिली थीं. इसके बाद भी बीजेपी अपना जिला प्रमुख नहीं बना सकी. जिला प्रमुख पद के लिए बीजेपी ने महेंद्र सिंह मझेवला को मैदान में उतारा था तो उनके खिलाफ बीजेपी से बगावत कर सुशील कंवर पलाड़ा ने निर्दलीय ताल ठोक दी. ऐसे में कांग्रेस निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन देकर बीजेपी को शिकस्त देने में सफल रही. सुशील कंवर ने बीजेपी के महेंद्र सिंह मझेवला को 14 मतों से हराया. मझेवला को 9 मत मिले, जबकि पलाड़ा को 23 मत मिले हैं.
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