Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

खेत-खलिहान की दुर्दशा पर बेनीपुरी ने लिखा था मकई के पौधे एक-एक हाथ होकर थमक गए हैं, बेजान मुर्रे से, लोगों में त्राहि-त्राहि है....

आजाद भारत का वक्त। बागमती की धाराओं को बांधकर इसके किनारों को हरा - भरा बनाने का स्वप्न देखता किसान। इन्हीं किसानों के बीच से निकले कलम के ...

आजाद भारत का वक्त। बागमती की धाराओं को बांधकर इसके किनारों को हरा - भरा बनाने का स्वप्न देखता किसान। इन्हीं किसानों के बीच से निकले कलम के जादूगर रामवृक्ष बेनीपुरी जब अपनी धरा को शस्य श्यामला बनाने का सपना देखकर राजनीति के क्षेत्र में आते हैं तो अपने अंचल का परिभ्रमण करते हैं। खेत - खलिहान की दुर्दशा पर उन्होंने उस वक्त भी कलम चलाई थी। अपनी डायरी में वे लिखते हैं कि -
बिसुनपुर, नेदपुरी, मंजरोहां -कॉलेज के काम से चक्कर -चक्कर। मुनिजी ने खबर भेजी, इस तरफ आइए, दौड़ा - दौड़ा पहुंच गया। किंतु रास्ते के दृश्य ने चकित कर दिया। धान के बीज सूख गए -एक दियासलाई फेंक दीजिए, तो समूचा खेत धधकने लगे। मकई भी सूख रही है, बड़े-बड़े पौधे, ऊपर धनबाल, नीचे बाल। लेकिन बालों में दाने नहीं, असमय ही मोचे सूख गए। मडुआ में बालियां तो हैं, लेकिन दाने ऐसे कि नह में समा जाएं। जमीन में जरा भी नमी नहीं रह गई - धान का बुरा हाल देखकर लोगों ने नीची जमीन में तीनपखिया मकई की है। मकई के पौधे एक - एक हाथ के होकर थमक गए हैं, बेजान मुर्रे से। लोगों में त्राहि - त्राहि है।
आजादी के 70 वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी किसानों की स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। मौजूदा परिदृश्य में भी किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं। उस वक्त 2 मई 1959 को मधौल रत्नवाली में पहुंचकर बेनीपुरी लिखते हैं कि - जब - जब बड़े गांवों में घूमता हूं, प्राय: सोचता हूं, जब तक ये गांव इसी बेतरतीब और बेढंगे रूप में रहेंगे, तब तक क्या लोगों की जिंदगी में सुख, स्वास्थ्य या सौंदर्य की कल्पना की जा सकती है? घनी आबादी , घर - पर - घर, रास्ते तंग, धूल या कीच से भरे, घर के आसपास गंदगी का अंबार, घरों में पैखाना या पेशाबखाना बनाने का रिवाज नहीं : बड़े - बड़े घर बना लेंगे, किंतु यह न सोचेंगे कि पर्दानशीन औरतें या बच्चे या वे स्वयं प्रकृति की पुकार होने पर कहां जाएंगे।

आरबीबीएम कॉलेज की स्थापना के 50 वर्ष पूरे, स्वर्ण जयंती समारोह आज
आरबीबीएम कॉलेज की स्थापना के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। मंगलवार को कॉलेज में स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन होगा। इस मौके पर साहित्य के क्षेत्र और बेनीपुरी पर आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रथम तीन स्थानों पर रहने वाली छात्राओं को 5 हजार, 3 हजार और 2 हजार की स्कॉलरशिप बेनीपुरी ट्रस्ट की ओर से मिलेगी। वहीं बेनीपुरी के पौत्र और पौत्र वधू समेत अन्य को सम्मानित किया जाएगा। प्राचार्या डॉ. ममता रानी ने बताया कि इस अवसर पर बेनीपुरी परिवार के लोगों की ओर से कॉलेज परिवार को उनकी रचनावली दी जाएगी। इससे कॉलेज में बेनीपुरी शोध खंड स्थापित होगा। शोधार्थियों को इसका लाभ मिलेगा।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
On the plight of the farm-barn, Benipuri wrote that the corn plants have been knocked out by one hand, from the lifeless Murray, there is distress in the people….


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34zU0Gw
https://ift.tt/2WB01hL

No comments