भगवानपुर के बलहां अलीमर्दनपुर गांव में सोमवार की रात पत्नी रीता देवी व पांच बच्चों को कुल्हाड़ी से काटने वाला सनकी अवधेश ने खुद अपनी मां को ...

भगवानपुर के बलहां अलीमर्दनपुर गांव में सोमवार की रात पत्नी रीता देवी व पांच बच्चों को कुल्हाड़ी से काटने वाला सनकी अवधेश ने खुद अपनी मां को घटना की जानकारी दी। यह बात सुनकर उसकी बूढ़ी मां सन्न रह गई। बताया जा रहा है कि वह मीट व भात खाने के बाद घर से रात करीब 10 बजे बाहर टहलने के लिए गया था। टहलने के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ी और वह 11 बजे घर आ गया। घर आने के बाद से ही वह कुल्हाड़ी से सभी परिजनों को काटने लगा। हालांकि सभी तीन कमरों में सोए हुए थे। इसके बाद भी तीनों कमरों में जाकर कुल्हाड़ी से प्रहार किया। बताया जा रहा है कि पत्नी के साथ वह अलग कमरे में रहता था। वहां पर जाकर पत्नी को कुल्हाड़ी से प्रहार कर घायल कर दिया। दूसरे कमरे में उसके दो बेटे अभिषेक व नितेश कुमार उर्फ भोला रहते थे। उस कमरे में भी जाकर उसने दोनों पर प्रहार किया। वहीं तीसरे कमरे में दो बेटियां व एक बेटा रहता था। वहां पर बेटी ज्योति कुमारी, अंजली कुमारी व बेटा मुकेश कुमार पर भी कुल्हाड़ी से प्रहार किया। इससे अंजली घायल हो गई और ज्योति व मुकेश की मौत हो गई। इस घटना को अंजाम देने के बाद बगल में ही उसका पुराना घर है, वहां पर अवधेश की मां रहती थी। अवधेश रात 12.30 बजे उस घर में गया और अपनी मां को बताया कि उसने सभी को कुल्हाड़ी से प्रहार कर मार दिया है। यह सुनते ही मां सन्न हो गई और पड़ोसियों को जानकारी दी। पड़ोसियों के घर पहुंचने पर भी चार को नहीं बचाया जा सका। इधर, इस घटना की जानकारी स्थानीय मुखिया हरेश ठाकुर ने भगवानपुर थाने की पुलिस को दी। थानाध्यक्ष ने गश्ती पर निकली पुलिस टीम को जानकारी दी। उस समय पुलिस टीम तीन किलोमीटर कर ही दूरी पर थी। सूचना पर एसआई उमाकांत यादव पहुंच गए। उसने सबसे पहले घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजवाया। इसके बाद हत्या करने वाले सनकी अवधेश चौधरी को गिरफ्तार कर लिया।
पत्नी रीता के सिर पर पीछे और आगे है कुल्हाड़ी का जख्म
जिले के भगवानपुर थाने के बलहां अलीमर्दनपुर गांव में सोमवार की रात अवधेश चौधरी ने अपनी पत्नी के सर पर आगे और पीछे कुल्हाड़ी से प्रहार किया है। इसी वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं घायल अंजली कुमारी के भी सर पर ही कुल्हाड़ी से चोट है। इसी तरह अन्य बच्चों को भी सर को ही निशाना बनाकर कुल्हाड़ी से प्रहार किया है। इसी वजह से चार की मौत हो गई। सर पर चोट लगने से सबसे पहले ब्रेन हेम्रेज होने का खतरा ज्यादा होता है। इस वजह से ही माैत हो गई। इधर, घर में अन्य कोई सदस्य नहीं थे। इस वजह से कुल्हाड़ी से प्रहार करने की बात किसी को भी उस समय भनक नहीं लगी।
ज्योति थी इंटर पास और अन्य सभी कर रहे थे पढ़ाई
बलहां अलीमर्दनपुर गांव के अवधेश चौधरी की मृृत बेटी इंटर पास थी। जबकि अन्य सभी बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। अवधेश को भी बच्चों को पढ़ा- लिखाकर कुछ बनाने की सपना थी। इसलिए बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहा था। पड़ोसियों ने बताया कि अवधेश चौधरी अपनी पत्नी व बच्चों से काफी प्यार करता था। वह बच्चों की किसी तरह की कमी नहीं खलने देता था। यहीं वजह था कि बच्चों की पढ़ाई वह प्राइवेट स्कूलों में करा रहा था। वह खुद ताड़ व खजुर से ताड़ी निकालने का काम करता था और इसी रोजगार से अपनी परिवार का भरण- पोषण करता था। साथ ही पढ़ाई का भी खर्च उठाता था।
पुलिस को देख भागना चाहता था अवधेश
हत्या करने के बाद जैसे ही घर पर पुलिस पहुंची, उस समय अवधेश चौधरी भागने की कोशिश कर रहा था। लेकिन पुलिस ने उसे बताया कि वह भागे नहीं, उसके परिवार के सदस्य केवल घायल है। उसे इलाज कराना है। यह सुनकर वह रुक गया और पुलिस ने उसे रात डेढ़ बजे गिरफ्तार कर लिया। इधर, घटना की सूचना मिलते ही घर पर बड़ी संख्या में लोग जुट गए।

बच्चों की दादी ने बताया घटनाक्रम
बच्चों दादी ने बताया कि उसका बेटा अवधेश रात्रि 12 बजे नए मकान के सामने स्थित पुराने घर का दरवाजा पीटने लगा। जब दरवाजा खोला तो उसने मेरे हाथ में पैसे की गड्डी देकर रखने को कहा। उसके बाद चिल्लाते हुए भागने लगा। उसे पकड़ने के लिए पतोहू व पोते-पोती को आवाज़ दी। जब नये घर से कोई आवाज़ नहीं आई तब अंदर जाकर देखा तो सबलोग खून से लथपथ थे उसके बाद ग्रामीण जुट गए।
पुराने मकान में नतनी के साथ रहती है मां
कातिल अवधेश चौधरी अपने पत्नी व बच्चों के साथ नए मकान में अलग रहता था। जबकि उसकी माता पुराने मकान में बेटी की पुत्री किरण कुमारी के साथ रहती है। कातिल अवधेश चौधरी के पिता स्व. शिवजी चौधरी व चाचा राजकुमार चौधरी उर्फ काना, सीताराम चौधरी का मानसिक संतुलन खराब होने के कारण निधन हो गया था। इन दोनों का कोई औलाद नहीं है। जबकि पिता की मौत के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि इलाज कराकर पत्नी के साथ घर आ रहे थे तभी इनका मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया था। उन्होंने बस के सामने कूदकर जान दे दी थी। कातिल घर पर रहकर अपना पुस्तैनी काम कर के परिवार का भरण पोषण करता था तथा बच्चों को पढ़ा-लिखा रहा था। वही घटना की सूचना मिलते ही सास महंगी देवी कतोखर, बहन गीता देवी, साली किरण देवी सहित अन्य रिश्तेदार पहुंचे हुए हैं। घटना की सूचना मिलने पर आसपास के गांव के लोगों का घटनास्थल पर हुजूम उमड़ा हुआ था।
चारों शव पहुचते ही गांव में मातम
बलहा अलिमर्दनपुर गांव में सोमवार की रात्रि में पिता द्वारा सो रहे चार बच्चों की कुल्हाड़ी से हमले में मौके पर मौत हो गई थी। पुलिस को सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष विपिन कुमार व एसआई उमाकांत यादव ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सीवान भेजा गया था। जैसे ही पोस्टमार्टम कर चारों शव गांव पहुचा गांव में मातम छा गया। चारों शवों का अंतिम संस्कार रिश्तेदारों के सहयोग से मंगलवार की शाम किया गया।
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