(नीरज कुमार) किसान रेल कृषि उत्पादों के तेज परिवहन सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। इससे पर्यावरण में दूषित होने से बचेगा साथ ...
(नीरज कुमार)
किसान रेल कृषि उत्पादों के तेज परिवहन सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। इससे पर्यावरण में दूषित होने से बचेगा साथ ही किसान रेल के माध्यम से अपने उत्पादित, फल, फुल, अनाज सहित अन्य कृषि उत्पादक सामग्री को अन्य राज्यों में बेहतर दाम पर बिक्री आसानी से कर सकते है। इस ट्रेन में उनके समान कम समय में बिना खराब हुए शीघ्र ही बड़े बाजार में पहुंच जायेगा, जिससे कृषक को बेहतर मुनाफा होगा।
किसी भी स्टेशन के कॉर्मोशियल ऑफिस को सूचित कर बुकिंग करा सकते है ट्रेडर्स व किसान : कटिहार रेल मंडल के कटिहार रेलवे स्टेशन, किशनगंज, एनजेपी सहित अन्य रेलवे स्टेशनों के कार्मोशियल ऑफिस को सूचित कर किसान एवं ट्रैडर्स अपने उत्पादित सामग्री की बुकिंग करा सकते है।
पूर्वोत्तर में भी बहुतायत समानों का उत्पादन किया जाता है। कई ऐसे राज्य है जहां की फसल अन्य राज्यों में जाती है। ऐसे में यह ट्रेन किसान एवं ट्रेडर्स के लिए मील का पत्थर साबित होगा। किसान उत्पादित सामग्री को लेकर परिवहन एवं उन पर होने वाले व्यय के कारण कृषक अपने उत्पादित फसल को कम दर पर ही बि्क्री कर देते है।
पर्यावरण भी होगा बेहतर : एक ट्रेन में तकरीबन 180 टन से भी अधिक सामग्री की ढुलाई की जाती है। ऐसे में उन समानों के लिए कितनी ट्रकें लगेगी सोचनीय है। और वह ट्रक हजारों किलोमीटर की सफर में कितना पर्यावरण दूषित करेगी।
अगर वह सामग्री ट्रेनों से जाती है तो निश्चित तौर पर पर्यावरण पर भी बेहतर होगा।
किसान के लिए रेलवे ने किसान रेल ट्रेन चलाकर एक बेहतर कार्य किया है। इंदोर से खुली ट्रेन कटिहार रेलवे स्टेशन, किसनगंज, न्यूजलपाईगुड रेलवे स्टेशनों पर स्टॉपेज था। भारतीय रेल ने 7 अगस्त को देवलाली से प्रथम किसान रेल देवलाली से दानापुर के लिए शुरुआत की। दुसरी ट्रेन भोपाल के इंदोर के लिए एनएफ के गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से वाया कटिहार होते हुए इस ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ। संभवत: इससे कटिहार सहित
आसपास के किसानों की आमदनी को दोगुनी में करने में मिल का एक पत्थर साबित होगी।
फल, सब्जी, फुल, अनाज सहित अन्य कृषि उत्पादों के लिए होगी यह ट्रेन
भारतीय रेल इसके पहले एकल सामग्री विशेष ट्रेनें यानि केला स्पेशल इत्यादि चलायी है। यह पहली बहु उत्पाद ट्रेन होगी तथा इस ट्रेन में अनार, केला, अंगूर इत्यादि तथा शिमला मिर्च, गोभी, ड्रमस्टिक्स, बंधगोभी, प्याज, मिर्ची इत्यादि जैसी सब्जियों की ढुलाई की जायेगी। मध्य रेलवे का भुसावल मंडल मुख्य रूप से कृषि आधारित मंडल है।
ट्रेन के परिचालन से किसानों को होगा फायदा
किसान ट्रेन के परिचालन से पूर्वोत्तर के किसानों के लिए विशेषकर लाभदायक होगा। सीमांचल सहित एन एफ रेलवे में कच्चे फल, फुल सब्जी के अत्यधिक पैदावार पर किसानों व ट्रेडर्स की मांग पर कटिहार सहित अन्य क्षेत्रों के लोग इसका लाभ उठा सकते है। इस ट्रेन से किसानों को बेहतर दाम और अच्छा मुनाफा होगा। साथ ही पर्यावरण भी दूषित होने से बचेगा।
शुभानंन चंदा, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मुख्य जनसपंर्क पदाधिकारी।
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