बुधवार को सदर अस्पताल से बिना महिला डाॅक्टर के सुझाव के एक आशा ने महिला की जांच निजी जांच घर में करवा दी। मामले का खुलासा तब हुआ, जब महिला ...
बुधवार को सदर अस्पताल से बिना महिला डाॅक्टर के सुझाव के एक आशा ने महिला की जांच निजी जांच घर में करवा दी। मामले का खुलासा तब हुआ, जब महिला से अस्पतालकर्मी ने पर्चा मांग लिया पर वह ताे उसके पास था ही नहीं। जगदीशपुर राेड जरलाही की 25 वर्षीय अन्नपूर्णा देवी को सात माह का गर्भ है।
वह सुबह दस बजे अस्पताल पहुंची ताे एक आशा कार्यकर्ता वहां आयी और उसे अपने भराेसे में लेकर पहले एचआईवी जांच सदर में नि:शुल्क करा दिया। इसके बाद बड़ी पाेस्ट ऑफिस के पास स्थित जांच घर ले गयी और 650 रुपये में खून की जांच करवा दिया। सीएस डाॅ. विजय कुमार सिंह ने कहा है कि लिखित शिकायत आए ताे कार्रवाई हाेगी।
16 घंटे बाद डाॅक्टर ने प्रसूता काे देखा
सदर अस्पताल में बुधवार काे भी एक महिला काे 16 घंटे तक न ताे दवा दी गयी और न ही चिकित्सकीय सेवा मिली। बरारी सब्जी चौक की 20 वर्षीय रवीना देवी मंगलवार की रात दस बजे सदर अस्पताल के गायनी वार्ड में प्रसव के लिए भर्ती हुई। उसकी जेठानी अनीता देवी ने बताया कि रात से ही देवरानी काे दर्द हाे रहा था। नर्साें ने सुई-दवा देने के बजाय पूरी रात टरकाया। बुधवार काे साढ़े 12 बजे दिन तक टालमटाेल ही हाेता रहा।
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