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लहेरियासराय टाॅवर से शहर के अंतिम छोर दिल्ली मोड़ तक हर चाय की दुकान पर लगती है ‘नशे की मंडी’

शहर के दर्जनों इलाको में बीते कुछ वर्षों से अपराधियों के लिए सेफ जोन बना हुआ है। महंगे नशे के सेवन कर तुरंत ही बाद सिगरेट की कस व कड़क चाय स...

शहर के दर्जनों इलाको में बीते कुछ वर्षों से अपराधियों के लिए सेफ जोन बना हुआ है। महंगे नशे के सेवन कर तुरंत ही बाद सिगरेट की कस व कड़क चाय से शुरुआत होने वाली बैठकी शहर के सैकड़ों चाय दुकानों के इर्द गिर्द देखने को मिलती है। चाय की चुस्की हाथों में सिगरेट लिए आज किधर छोटे बड़े अपराध करनी है। इसकी योजना गुप्त तरीके से बैठकी में तैयार होती है।

लहेरियासराय टावर से शुरू करे तो शहर के अंतिम छोर दिल्ली मोड़ तक सैकड़ों ऐसे चाय की दुकान है जहां महफिल उच्चकों की सजती है। जहां कम उम्र में युवाओं की भीड़ अपराधियों से भी जुड़ती जा रही है। सिटी एसपी सह प्रभारी एसएसपी अशोक कुमार प्रसाद ने कहा कि पुलिसिंग को लेकर पैदल गश्ती और नशेड़ियों के विरूद्ध कार्रवाई शुरू है। इतना ही नहीं हाल ही में सोना लूटकांड में नशेड़ियों की ओर से लाइनर की भूमिका का मामला सामने आने पर केस कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भी भेजा गया है।

अपराधी गिरफ्तार तो हो रहे परंतु क्राइम कंट्रोल नहीं

विभिन्न थानों की पुलिस ने अपने क्षेत्र से पिछले कुछ दिनों में कई अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल तो जरूर भेजा है। लेकिन इसके बाद भी इस क्षेत्र में अपराधियों को गतिविधि कम नहीं हो रहा है। शहर के कई थाना क्षेत्र में कुछ ऐसा जगह हैं, जहां अपराधी लगातार चहलकदमी कर रहे हैं। भीड़-भाड़ वाला इलाका होने की वजह से वहां रह रहे लोगों को भी समझ में नही आता।

महंगे नशे की लत के कारण युवाओं बन रहे अपराधी

युवाओं में बढ़ रही नशे की लत के कारण एक तरफ जहां युवा तन व धन का विनाश कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ नशे ने बहुत से घरों को बर्बाद करके रख दिया है। नशे की दलदल में धंसे बहुत से युवा व अन्य नशेड़ी अपराध के रास्ते पर चल पड़े हैं। युवाओं में महंगे से महंगे नशे करने का शौक हावी होता जा रहा है। शराब व चूरापोस्त के बाद अब जिला भर में स्मैक का नशा करने वालों की तादाद काफी तेजी से बढ़ी है।

जेल से छूटे हुए अपराधियों पर नजर रखने की जरूरत

जेल से छूटे हुए अपराधियों पर नजर रखने और खुफिया तंत्र को मजबूत करना अत्यधिक जरूरी है। 100 में 90 अपराधी जेल से छूटते ही पुनः वे अपने पुराने रिवाज पर लौट ही आते हैं। जिससे उसकी आपराधिक अनुभव ओर भी सक्रिय रूप देने लगती है। ठंड और घने कोहरे को देखते हुए पुलिस को नियमित गश्ती और बाइक पेट्रोलिंग करने पर जोड़ देना अति आवश्यक है।



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