मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए डीएम-एसपी महीने में एक बार, एसडीओ-एसडीपीओ 15 दिन पर तथा अंचल अ...
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जमीन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए डीएम-एसपी
महीने में एक बार, एसडीओ-एसडीपीओ 15 दिन पर तथा अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्ष सप्ताह में एक दिन निश्चित रूप से बैठक करें। गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री, मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कार्यकलापों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अफसरों को कई निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 में शुरू किए गए ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान ज्यादातर समस्याएं जमीन की पाई गईं। नया एक्ट बनाया गया। 60 प्रतिशत से ज्यादा अपराध भूमि विवाद के कारण होता है।
विकास कार्यों के चलते प्रदेश में जमीन की कीमत बढ़ी है। कुछ लोग जमीन की धांधली के काम में भी लगे हैं। हमारा उद्देश्य जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करना है। ऐसा उपाय किया जाए कि कोई जमीन के स्वामित्व में गड़बड़ी न कर सके। समाज में शांति रहने से ही विकास का वास्तविक लाभ लोगों को मिल पाएगा।
बेनामी जमीन की पहचान करें
नीतीश ने कहा-बेनामी जमीन की पहचान की जाए। जो चोरी-छिपे कॉमर्शियल कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर टैक्स लगाएं। राजस्व विभाग से जुड़े सभी कर्मचारियों की बेहतर मॉनीटरिंग हो। विभाग में जरूरत के अनुसार पदों पर भर्ती की जाए, जिससे काम की गुणवत्ता और गति प्रभावित न हो।
गंगा के किनारे की जमीन रिकॉर्ड के अनुसार जिस जिले की, उसे शीघ्र मिले
सीएम ने कहा-गंगा किनारे के जिलों की जो जमीन है, रिकॉर्ड के अनुसार यह जिसकी है, उसे उन जिलों को शीघ्र दिया जाए। बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने पिछली बैठक की जानकारी दी। उन्होंने लैंड रिकॉर्ड, सर्वे, सेटेलमेंट, लैंड कांसोलिडेशन, एक्यूजिशन, ऑनलाइन म्यूटेशनकी जानकारी दी।
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