खिजरसराय में गैर निबंधित नर्सिंग होम में शनिवार की सुबह एक युवक की मौत इलाज के दौरान हो गई। मौत के बाद परिजनों ने शव को नर्सिंग होम में रखक...

खिजरसराय में गैर निबंधित नर्सिंग होम में शनिवार की सुबह एक युवक की मौत इलाज के दौरान हो गई। मौत के बाद परिजनों ने शव को नर्सिंग होम में रखकर हंगामा किया। इलाज में लापरवाही का आरोप लगा नर्सिंग होम के संचालक पर करवाई की मांग पर परिजन अड़े थे।
इसके बीच आक्रोशित हो सड़क को भी जाम कर दिया गया। सड़क जाम करीब पांच घंटे रहा। इस बीच जाम की सूचना पर एसडीपीओ विनय शर्मा, एसडीएम मनोज कुमार मौके पर पहुंचे तो दूसरी ओर स्थानीय विधायक अजय यादव उर्फ रणजीत यादव भी स्थल पर पहुंचे।
विधायक ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दिया। बाद में अधिकारियों और विधायक की पहल के बाद लोग शांत हुए और सड़क जाम को हटाया गया। बताया जा रहा कि पंचमहला गांव के रफीक आलम उर्फ चीना का पुत्र 28 वर्षीय आरिफ आलम हमेशा की तरह देर शाम को खेत से मूली उखाड़कर लाया था। इसी बीच उसे ठंड लगी थी। ठंड लगने की आशंका के बाद परिजन उसे खिजरसराय धुरा पर स्थित ग्लोबल नर्सिंग होम में लेकर शुक्रवार की रात्रि को पहुंचे थे।
ठंड लगने के बाद युवक को कराया गया भर्ती
बताया जा रहा कि पंचमहला गांव के रफीक आलम उर्फ चीना का पुत्र 28 वर्षीय आरिफ आलम हमेशा की तरह देर शाम को खेत से मूली उखाड़कर लाया था। इसी बीच उसे ठंड लगी थी। ठंड लगने की आशंका के बाद परिजन उसे खिजरसराय धुरा पर स्थित ग्लोबल नर्सिंग होम में लेकर शुक्रवार की रात्रि को पहुंचे थे।
यहां कोई चिकित्सक नहीं थे, इसके बावजूद बताया गया कि डॉक्टर मौजूद हैं। रफीक आलम उर्फ चीना ने बताया कि चिकित्सक नहीं रहने के बावजूद हॉस्पिटल में रहे कंपाउंडर एवं अन्य कर्मी खुद ही इलाज में लग गए। अनुभवहीनों के द्वारा इलाज करने से मरीज की हालत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी और अहले सुबह तीन बजे पुत्र आरिफ की मौत हो गई।
अस्पताल से भाग गए सारे कर्मी सिविल सर्जन ने नहीं उठाया फोन
पिता ने बताया कि मौत होने के बाद उक्त निजी अस्पताल के सारे कर्मी भाग गए। इसके बाद हॉस्पिटल संचालक पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।
आक्रोश का कारण है कि गुमराह कर नौसीखिए लोगों से इलाज कराया गया और जान चली गई। वहीं अवैध रूप से हॉस्पिटल संचालित होने को लेकर जब ग्रामीण आक्रोशित थे, तो इस मामले को लेकर अतरी विधायक रंजीत यादव ने सिविल सर्जन से मामले में बात करने को लेकर छह बार फोन लगाया, लेकिन सिविल सर्जन ने विधायक का फोन को रिसीव नहीं किया। इसे लेकर विधायक ने नीतीश सरकार में अफसरशाही का आरोप लगाया है, कहा है कि जब विधायक का फोन अधिकारी रिसीव नहीं करते तो आम लोगों की क्या हालत होती होगी।
बोर्ड पर नौ चिकित्सकों के नाम
गैर निबंधित इस निजी हॉस्पिटल के बोर्ड में नौ चिकित्सक का नाम लिखा है, पर शुक्रवार की रात्रि कोई भी चिकित्सक नहीं थे। संचालक का नाम अरशद अंसारी बताया गया है, जिसे बुलाए जाने पर भी वे नहीं आए। इससे परिजनों और उनके नजदीकियों में और आक्रोश व्याप्त हो गया। वहीं इस संबंध में थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि परिजन शव को अपनी इच्छा से अंतिम संस्कार के लिए ले गए। किसी प्रकार की लिखित शिकायत नहीं हुई है। इधर, घटना के बाद परिजनों में भारी रोष है।
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