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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में कहा, 'नीयत साफ हो तो नियति भी बदल जाती है'

  आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को असम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर नीति सही हो और नीयत साफ हो तो नियति भी बदल जाती ...

 




आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को असम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर नीति सही हो और नीयत साफ हो तो नियति भी बदल जाती है। उन्होंने असम में विभिन्न प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण करने के बाद कहा कि जब मैं गोगामुख में इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास करने आया था, तभी मैने कहा था कि नार्थ-ईस्ट भारत की ग्रोथ का नया इंजन बनेगा। आज हम इस विश्वास को हमारी आंखों के सामने धरती पर उतरता देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र के इसी नॉर्थ बैंक से, आठ दशक पहले असमिया सिनेमा ने अपनी यात्रा, जॉयमती फिल्म के साथ शुरू की थी। इस क्षेत्र ने असम की संस्कृति का गौरव बढ़ाने वाले अनेक व्यक्तित्व दिए हैं। 


प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि नॉर्थ-ईस्ट में भरपूर सामर्थ्य होने के बावजूद पहले की सरकारों ने इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया। यहां कि कनेक्टिविटी, अस्पताल, उद्योग पहले की सरकार की प्राथमिकता में नहीं थे। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर काम कर रही हमारी सरकार ने इस भेदभाव को दूर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि साल 2014 तक प्रत्येक 100 परिवारों में सिर्फ 55 परिवारों के पास एलपीजी कनेक्शन थे। असम में यह संख्या 40 थी। लेकिन हमन उज्जवला योजना की मदद से बदलाव लेकर आए। अब असम में लगभग सभी परिवारों के पास गैस कनेक्शन हैं।


'नीयत साफ हो तो नियति भी बदल जाती है'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में कहा, ''नीति सही हो, नीयत साफ हो तो नियति भी बदलती है। आज देश में जो गैस पाइपलाइन का नेटवर्क तैयार हो रहा है, देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है, हर घर जल पहुंचाने के लिए पाइप लगाया जा रहा है, वो भारत मां की नई भाग्य रेखाएं हैं। आज पूरी दुनिया भारत के इंजीनियर्स का लोहा मान रही है। असम के युवाओं में तो अद्भुत क्षमता है। इस क्षमता को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार जी जान से जुटी है। असम सरकार के प्रयासों के कारण ही आज यहां 20 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज हो चुके हैं।'' उन्होंने आगे कहा कि असम सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है। इस नई शिक्षा नीति का लाभ असम को, यहां के जनजातीय समाज को, चाय बागान में काम करने वाले श्रमिक भाई-बहनों को सबसे ज्यादा होने वाला है।

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