यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर जारी बहस के बीच चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने शनिवार को गोवा के यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) क...
यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर जारी बहस के बीच चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने शनिवार को गोवा के यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की जमकर तारीफ की है। भारत के चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा कि बुद्धिजीवियों को यहां आकर देखना चाहिए कि यह कैसे काम करता है। जिस समारोह में सीजेआई बोबडे ने यह टिप्पणी की, उस समारोह में जस्टिस रमना और केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट की एक बिल्डिंग का उद्घाटन करते वक्त चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा, 'गोवा में वही सामान नागरिक संहिता है, जिसकी कल्पना संविधान बनाने वालों ने भारत के लिए की थी। और मुझे इस कोड के तहत न्याय देने का सौभाग्य मिला है। यह शादियों और उत्तराधिकार पर लागू होता है, धार्मिक प्रतिबद्धता के बावजूद यह सभी गोवावासियों को शासित करता है। मैंने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बहुत एकेडमिक बहसे सुनी हैं। मैं उन सभी बुद्धिजीवियों से अपील करूंगा कि वे यहां आएं और न्याय के प्रशासन को जानें कि यह होता क्या है।'
वहीं, इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एन.वी.रमना ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका की जरूरतों को पूरा करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को साथ मिल कर राष्ट्रीय न्यायिक आधारभूत ढांचा निगम गठित करना चाहिए। न्यायमूर्ति रमना ने कहा, 'आधुनिकीकरण के रास्ते में आने वाली बाधाओं के बारे में बात करे तो, धन की कमी कभी भी प्रगति के रास्ते में अड़चन नहीं बननी चाहिए।'
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्यों को साथ मिल कर न्यायपालिका की अवसंरचना संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आधारभूत ढांचा निगम का गठन करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'ऐसे सहयोग से न्यायिक आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के आवश्यक एकरुपता और मानकता आएगी। न्यायमूर्ति ने कहा कि तकनीक को न्यायपालिका के साथ जोड़ना मुश्किल भरा काम रहा है।'
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