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भारत ने अमेरिका के बाद यूरोपीय देशों से भी कोविड टीकों को बौद्धिक संपदा पेटेंट से छूट देने का आह्वान किया।

  भारत ने अमेरिका के बाद यूरोपीय देशों से भी कोविड टीकों को बौद्धिक संपदा पेटेंट से छूट देने का आह्वान किया। भारत का कहना है कि ईयू का रुख आ...

 




भारत ने अमेरिका के बाद यूरोपीय देशों से भी कोविड टीकों को बौद्धिक संपदा पेटेंट से छूट देने का आह्वान किया। भारत का कहना है कि ईयू का रुख आने वाले दिनों में इस मसले पर स्पष्ट होगा। ईयू समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड के इलाज और टीकों के लिए विश्व व्यापार संगठन में बौद्धिक संपदा अधिकार छूट का समर्थन करने के लिए ईयू देशों से अनुरोध किया।


ईयू प्लस 27 के विशिष्ट प्रारूप में हो रही बैठक में 27 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री की वर्चुअल बैठक में मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता को लेकर सहमति भी बन गई। इसका समय और अन्य पहलुओं पर चर्चा संबंधित पक्षों के वाणिज्य मंत्री मिलकर तय करेंगे। बैठक में कोविड सहयोग, परस्पर व्यापार बढ़ाने, पर्यावरण, सुरक्षा, आतंकवाद के अलावा ज्वलंत क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई। कोविड संकट बैठक में चर्चा का केंद्रबिंदु रहा। भारत ने ईयू देशों की ओर से दी जा रही सहायता के लिए आभार जताया। वहीं यूरोपीय यूनियन के देशों ने भारत द्वारा पूर्व में दी गई सहायता को याद किया।


भारत और ईयू ने साझा बयान में नई चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया का एकजुट होना जरूरी बताया। साथ ही हरित और स्वच्छ ऊर्जा पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई है। बैठक में कहा गया कि भारत और ईयू संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन के नियमों को मानते हुए मिलकर काम करेंगे। यूरोपीय यूनियन ने कोरोना वायरस के कारण भारत सहित दुनियाभर में हो रही मौतों पर दुख व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने पेरिस समझौते का पालन करते हुए 2030 तक ग्रीन, क्लीन और नवीनीकृत ऊर्जा के लिए मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की। भारत ने ईयू के सदस्य देशों के तरफ से की गई मदद के लिए उनकी तारीफ की। भारत की तरफ से कहा गया कि इस सहयोग से दोनों के रिश्ते और बेहतर होंगे।


ईयू के सदस्य देशों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत 2021 से 2022 तक सदस्य है। यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स काउंसिल में 2019 से 2021 तक भारत सदस्य है। वहीं 2023 में जी-20 की अध्यक्षता भी भारत के पास रहने वाली है। इससे यूरोपीय यूनियन और भारत के बीच सहयोग बढ़ेगा। गौरतलब है कि मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू करने की सहमति को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। भारत अपने हितों के मद्देनजर इससे बचता रहा है। अब जल्द ही इसपर वार्ता शुरू होगी। साथ ही निवेश और संपर्क का दायरा भी भारत और ईयू के बीच बढ़ेगा।


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