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पटना में एक महीने में 10 गुना कम हुए कोरोना के मामले, एक्सपर्ट्स ने डेल्टा+ वेरिएंट को लेकर किया अलर्ट

पटना बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले में लगातार गिरावट का दौर जारी है। राजधानी पटना की बात करें तो पिछले एक महीने में यहां सक्रिय कोविड...

पटना बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले में लगातार गिरावट का दौर जारी है। राजधानी पटना की बात करें तो पिछले एक महीने में यहां सक्रिय कोविड मरीजों की संख्या में लगभग दस गुना की कमी दर्ज की गई है। जिससे कंटेनमेंट जोन में कमी आई है। 28 मई को जिले में 3607 एक्टिव केस थे और 28 जून को यह संख्या घटकर 311 हो गई है। अभी यहां केवल 30 कंटेनमेंट जोन हैं, जबकि ये महामारी जब पीक पर थी उस समय यहां 695 कंटेनमेंट जोन थे। पटना में अभी क्या है कोरोना की स्थितिबिहार स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मई की शुरुआत में पटना में लगभग 17,000 एक्टिव केस थे, जो 8 मई को बढ़कर 22,734 हो गए। हालांकि, 15 मई को यह संख्या घटकर 15,864 पर पहुंच गई और 29 मई को 2915 केस रह गए थे। पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि अब केवल 32 माइक्रो कंटेनमेंट जोन हैं। भले ही लॉकडाउन गाइडलाइंस और ढील दी जा रही है, लेकिन नए मामलों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। बिहार में अभी नहीं डेल्टा+ वेरिएंट के कोई केस, जानिए क्या बोले एक्सपर्ट्सपटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि हम अभी भी रोजाना लगभग 5,000 लोगों का टेस्ट कर रहे हैं, इनमें आरटी-पीसीआर के माध्यम से 2000 टेस्ट भी शामिल हैं। वहीं, बिहार में कोरोना महामारी की दूसरी लहर थमती दिख रही है, इस बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों को डर है कि इसका नया डेल्टा-प्लस वेरिएंट प्रभावित कर सकता है। ऐसे में उन्होंने लोगों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की है। वैक्सीनेशन जरूरी...साथ ही रहना होगा सतर्कडेल्टा-प्लस वेरिएंट के मामले हाल ही में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और राजस्थान में पाए गए हैं। आईजीआईएमएस में डॉ वर्षा सिंह ने बताया कि कोई भी टीका वायरस को रोकने में 100 फीसदी प्रभावी नहीं है। इसलिए, डेल्टा-प्लस वेरिएंट से कुछ लोग फिर संक्रमित हो सकते है। ऐसे में सभी का टीकाकरण कराना बेहद जरूरी है। वैक्सीन ज्यादातर मामलों में संक्रमण की गंभीरता को कम कर सकता है। डॉक्टर वर्षा सिंह ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान, अधिकांश वरिष्ठ नागरिकों को टीका लगाया गया, जिसकी वजह से वे संक्रमण से बच गए। वहीं युवाओं का वैक्सीनेशन नहीं होने की वजह से वो ज्यादा प्रभावित हुए। हमें इस बार थोड़ा अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। बड़े पैमाने पर टीकाकरण चल रहा है, जिससे वायरस का संक्रमण कम हो सकता है। हालांकि हमें कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है।


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