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50 लोगों के अकाउंट से 3 दिन में 31 लाख गायब, कहीं आप भी तो निशाने पर नहीं, यूं रहें अलर्ट

पलवल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए होने वाले फ्रॉड को लेकर बैंक कर्मचारियों और खाता धारकों में दहशत है। साइबर ठगों ने पिछले 3 दिनों में पलवल...

पलवल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए होने वाले फ्रॉड को लेकर बैंक कर्मचारियों और खाता धारकों में दहशत है। साइबर ठगों ने पिछले 3 दिनों में पलवल जिले में रहने वाले 50 से अधिक लोगों के खातों से करीब 31 लाख रुपये निकाल लिए हैं। खाता धारकों को मोबाइल पर ट्रांजेक्शन के मेसेज मिले तो उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ 44 मुकदमे दर्ज किए हैं। अभी तक कोई भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। शनिवार रात 20 मुकदमे दर्ज किए गए। साइबर के ज्यादातर शिकार सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक के उपभोक्ता हुए हैं। 20 लोगों के अकाउंट से 16 लाख 15 हजार 211 रुपये निकाल लिए गए। शुक्रवार को 5 और गुरुवार को 19 लोगों ने बैंक खातों से फ्रॉड ट्रांजेक्शन होने की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई। पुलिस के मुताबिक, गांव करमन निवासी सुखवती के खाते से 1 लाख 90 हजार, चांदहट निवासी दलसिंह और नानक चंद के खाते से 1 लाख 10 हजार, पूरण के खाते से 1 लाख 30 हजार रुपये, रविंद्र के खाते से 60 हजार, राजेंद्र के खाते से 90 हजार, गांव अलावलपुर निवासी मोहरपाल के खाते से 90 हजार रुपये निकल गए। इसी तरह जगत प्रकाश के खाते से 62 हजार 625 रुपये, जतनवती के खाते से 46 हजार 678 रुपये, शकुल के खाते से 39 हजार 500 रुपये निकल गए। कर्मवीर के खाते से 51 हजार, जयपरन के खाते से 9100, जिले सिंह के खाते से 9100, रामानंद के खाते से 68 हजार 873, अमीर सिंह के खाते से 27 हजार 281, देवरतन के खाते से 17 हजार, अंगूरी के खाते से 3 लाख, सुमन के दो खातों से एक लाख 40 हजार, जितेंद्र के खाते से 61 हजार 154 व शीला के खाते से 2900 रुपये निकल गए। क्रिप्टोग्राफी से खाते में सेंध लगा रहे ठग क्रिप्टोग्राफी एक ऐसी तकनीक है, जिसके जरिये पासवर्ड और ओटीपी के बिना भी ट्रांजेक्शन की जा सकती है। इस तकनीक से मात्र 6 सेकंड में ट्रांजेक्शन हो जाती है। बिना ओटीपी होने वाली इस ट्रांजेक्शन के लिए प्राइवेट स्टोर से पब्लिक स्टोर के टोकन पर सिंबल जाता है। इसके बाद ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर कम्युनिकेट होता है। प्राइवेट स्टोर में एक अल्फा न्यूमरिक कोड होता है, जो हर बार बदलता रहता है जिसके जरिए ट्रांजेक्शन हो जाती है। अकाउंट होल्डर को तब पता चलता है जब खाते से रकम निकल जाती है। सावधानी बरतें, हर डिटेल न करें शेयर फोन पर कोई भी गैरजरूरी ऐप डाउनलोड न करें, अन्यथा मोबाइल हैक हो सकता है। केवाईसी के नाम पर रुपये ट्रांसफर न करें। एटीएम से रुपये निकालने में कभी मदद लेनी पड़े तो केवल बैंक के कर्मचारी या वहां मौजूद गार्ड की मदद लें। किसी भी व्यक्ति के साथ अपनी बैंक डिटेल, डेबिट कार्ड नंबर, कार्ड की एक्सपायरी डेट, कार्ड पर पीछे लिखा 3 डिजिट का सीवीवी नंबर शेयर न करें। ऑनलाइन नेट बैंकिंग ट्रांजैक्शन हमेशा अपने पर्सनल कंप्यूटर/लैपटाप या फोन से करें। किसी भी अपरिचित नंबर से कोई टेक्स्ट मेसेज या व्हाट्सऐप मेसेज पर कोई लिंक या फोटो आए तो उस पर क्लिक न करें।


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