चंडीगढ़ देश में ग्रीन फंगस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। अब पंजाब में भी इस बीमारी का पहला मामला सामने आया है। जालंधर के सिविल अस...

चंडीगढ़ देश में ग्रीन फंगस के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। अब पंजाब में भी इस बीमारी का पहला मामला सामने आया है। जालंधर के सिविल अस्पताल में कोरोना से ठीक हुए मरीज में फंगस की पुष्टि हुई है। मध्य प्रदेश के इंदौर में ग्रीन फंगस का देश में पहला मामला सामने आया था। जालंधर सिविल अस्पताल के महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर परमवीर सिंह का कहना है, 'हमारे यहां ग्रीन फंगस के पहला कंफर्म मामला सामने आया है। मरीज कोरोना से ठीक हो चुका था। वह अभी डॉक्टरों की निगरानी में है। हालांकि अभी यह नहीं कह सकते हैं कि उसकी हालत स्थिर है। इससे पहले भी ग्रीन फंगस का एक मामला सामने आया था लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी।' क्या है ग्रीन फंगस ग्रीन फंगस को 'एस्परगिलोसिस' (Aspergillosis) के रूप में भी जाना जाता है। आम भाषा में लोग इसे ग्रीन फंगस के नाम से ही जानते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार ये कई चरह के होते हैं और मरीज के फेफड़ों में काफी तेज फंगल इंफेक्शन फैलता है। इसमें फेफड़ों में मवाद भर जाता है, जो इस बीमारी का जोखिम बढ़ा देता है। जानकारों की मानें तो ये संक्रमण ना सिर्फ शरीर के अंदर बल्कि बाहर भी नजर आता है। भारत में ग्रीन फंगस के पहले मामले को लेकर श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SAIMS) के चेस्ट डिजीज विभाग के प्रमुख डॉ रवि डोसी का कहना है कि कोविड से रिकवर हो रहे मरीज ने अपना टेस्ट यह सोचकर करवाया था कि वो ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आ गया हो लेकिन जांच के बाद पता चला कि उसे ग्रीन फंगस ने जकड़ लिया था। ये लक्षण
- नाक से खून बहना
- तेज बुखार
- कमजोरी या थकान महसूस होना
- वजन घटने लगना
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