जम्मू जम्मू के सैन्य इलाकों में लगातार ड्रोन देखे जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बुधवार तड़के कालूचक और कुंजवानी इलाके में दो ड्रोन देखे...

जम्मू जम्मू के सैन्य इलाकों में लगातार ड्रोन देखे जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बुधवार तड़के कालूचक और कुंजवानी इलाके में दो ड्रोन देखे गए। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है। इससे पहले भी दोनों इलाकों में सोमवार और फिर मंगलवार देर रात ड्रोन देखा गए थे। जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले के बाद सैन्य इलाकों में अलर्ट जारी है। गृह मंत्रालय ने हमले की जांच एनआईए को सौंप दी है। इससे पहले जम्मू के सैन्य क्षेत्र में मंगलवार को ड्रोन देखे गए थे। सोमवार और मंगलवार की रात 1 बजे से तड़के 4 बजे के बीच तीन बार ड्रोन नजर आए। सबसे पहले 1:08 पर रतनूचक इलाके में ड्रोन को सैन्य क्षेत्र के ऊपर देखा गया, जिसके बाद जवान अलर्ट हो गए। उसके बाद तड़के 3:09 पर कुंजवानी में ड्रोन दिखा। फिर 4:19 पर एक बार फिर से कुंजवानी में ड्रोन देखा गया। एक साथ तीन बार दिखे थे ड्रोन एक साथ तीन बार ड्रोन दिखने की जानकारी सेना ने पुलिस को दी। पुलिस ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन ड्रोन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। इससे पहले सोमवार सुबह रतनूचक इलाके में सेना क्षेत्र में ड्रोन नजर आया था, जिसे सेना ने हवाई फायरिंग कर खदेड़ दिया था। जम्मू एयरबेस पर हुआ था ड्रोन अटैक जम्मू में भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर शनिवार देर रात दो ड्रोन से विस्फोटक गिराए गए थे, जिसमें दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों का देश के किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर इस तरह का यह पहला ड्रोन हमला है। पहला विस्फोट शनिवार देर रात एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट उसके छह मिनट बाद हुआ। पहले धमाके में शहर के बाहरी सतवारी इलाके में भारतीय वायुसेना की ओर से संचालित हवाई अड्डे के उच्च सुरक्षा वाले तकनीकी क्षेत्र में एक मंजिला इमारत की छत को नुकसान हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट जमीन पर हुआ। एनआईए ने दर्ज की एफआईआर गृह मंत्रालय ने एयरबेस पर हुए हमले की जांच एनआईए को सौंप दी है। एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए जम्मू में विस्फोटक तत्व अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की अनेक धाराओं और आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ड्रोन में रखा हुआ था आरडीएक्स? अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन द्वारा गिराई गई विस्फोटक सामग्री आरडीएक्स और अन्य रसायनों के मिश्रण का उपयोग कर बनाई गई हो सकती है, लेकिन इस बारे में अंतिम पुष्टि होने का इंतजार है। जांचकर्ताओं ने हवाई अड्डे की चाहरदीवारी पर लगे कैमरों सहित सीसीटीवी फुटेज खंगाला है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन कहां से आए थे। हालांकि सभी सीसीटीवी कैमरे सड़क की ओर लगे थे।
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