देहरादून/हरिद्वार हरिद्वार में संपन्न हुए कुंभ मेले में एक लाख फर्जी कोरोना टेस्ट कराये जाने का मामला सामने आया है। कोविड टेस्ट के लिए कॉ...

देहरादून/हरिद्वार हरिद्वार में संपन्न हुए कुंभ मेले में एक लाख फर्जी कोरोना टेस्ट कराये जाने का मामला सामने आया है। कोविड टेस्ट के लिए कॉन्ट्रैक्ट पाने वाली प्राइवेट एजेंसी भी जांच के घेरे में आ गई है। एजेंसी ने उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग को गलत ऑफिस का अड्रेस दिया था, जबकि दर्ज फोन नंबर भी आउट ऑफ सर्विस हो चुके हैं। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस बारे में पड़ताल की है। एजेंसी की तरफ से सबमिट किए गए दस्तावेजों में फर्म का अड्रेस अंसल चैंबर, भीकाजी कामा प्लेस, 'ईस्ट दिल्ली' दर्ज है। जबकि पूर्वी दिल्ली में भीकाजी कामा प्लेस है ही नहीं। कंपनी की वेबसाइट पर अड्रेस नोएडा सेक्टर-63 की एक बिल्डिंग का दर्ज है। पते पर पहुंचने पर वहां केवल एक टिन शेड पड़ी दिखी। जितने फोन नंबर दिए गए थे, वे सभी सेवा में नहीं थे। दिए गए पते पर केवल टिन शेड कंपनी के एक डायरेक्टर से इस बारे में बात की गई। उन्होंने गलत अड्रेस को मानवीय गलती करार दिया। वहीं गलत फोन नंबर की वजह फर्म का पुराना लेटरहेड सबमिट किया जाना बताया। उन्होंने यह भी कहा कि नोएडा में जहां अभी टिन शेड है, वहां पर कभी फैक्ट्री हुआ करती थी। उन्होंने बताया, 'हमने दुकान दो साल पहले ही बंद कर दी लेकिन वेबसाइट पर अभी भी पुराना अड्रेस ही शो कर रहा है।' दो प्राइवेट लैब के साथ थी MoU महिला ने यह भी बताया कि कंपनी अभी दक्षिणी दिल्ली के अंसल चैंबर से काम कर रही है। लॉकडाउन के दौरान एक कूरियर कंपनी को रजिस्टर्ड ऑफिस लीज़ पर दे दी गई थी। उन्होंने टेस्ट घोटाले पर कहा, 'हम राज्य की जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे। सैंपल कलेक्शन और डेटा का काम दो प्राइवेट लैब्स ने किया था, जिनके साथ हमारी MoU थी। हम केवल मध्यस्थ की भूमिका में थे।' स्वास्थ्य विभाग ने किया था रिजेक्ट इतना ही नहीं पड़ताल में यह बात भी निकलकर सामने आई कि कुंभ मेले में कोविड टेस्ट कराये जाने के प्रस्ताव को हरिद्वार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से रिजेक्ट कर दिया गया था। हरिद्वार के सीएमओ डॉक्टर एस.के. झा के अनुसार एजेंसी को ICMR की तरफ से अप्रूवल नहीं मिलने की वजह से टेस्ट की इजाजत नहीं दी गई। बाद में फर्म ने मेला प्रशासन की इजाजत ले ली। ICMR अप्रूव्ड दोनों लैब के साथ एमओयू की वजह से फर्म को हरी झंडी मिल गई। फर्जी फोन नंबर, फर्जी किट नंबर कुंभ मेले में एक लाख फर्जी कोरोना टेस्ट कराए जाने का मामला सामने आया है। ये कथित टेस्ट 1 से 30 अप्रैल के बीच कुंभ मेले के दौरान उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद किए गए थे। इस आदेश में कहा गया था कि हरिद्वार में हर रोज कम से कम 50 हजार टेस्ट किए जाएं। जांच में पाया गया कि नाम और पते फर्जी हैं। कई लोगों के फोन नंबर और एंटिजन टेस्ट किट नंबर भी एक थे, जबकि वह एक ही बार इस्तेमाल हो सकती हैं। इसके अलावा राजस्थान के छात्रों और निवासियों को टेस्ट कलेक्ट करने वालों के तौर पर दिखाया गया था। लेकिन ये लोग कभी कुंभ में हिस्सा लेने गए ही नहीं थे।
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