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धर्मांतरण रैकेट: ISI कनेक्शन का यूपी ATS ने किया दावा, हाथ लगे अहम दस्तावेज

लखनऊ आईएसआई की फंडिंग पर यूपी समेत अन्य राज्यों में धर्मांतरण का करवाने के आरोप में दो लोगों को यूपी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। द...

लखनऊ आईएसआई की फंडिंग पर यूपी समेत अन्य राज्यों में धर्मांतरण का करवाने के आरोप में दो लोगों को यूपी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। दोनों पर पिछले डेढ़ साल के दौरान नौकरी, शादी और पैसे का लालच देकर देशभर में 1,000 से ज्यादा लोगों के धर्म परिवर्तन का आरोप है। यूपी एटीएस का दावा है कि आरोपित मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर के पास से आईएसआई की फंडिंग और धर्मांतरण करवाने के तमाम साक्ष्य हाथ लगे हैं। एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि दो जून को डासना के एक मंदिर में दो संदिग्धों ने ब्लेड लेकर घुसने का प्रयास किया था। पकड़े जाने पर इनकी शिनाख्त विपुल विजयवर्गीय और कासिफ के रूप में हुई थी। विपुल ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल कर लिया था। दोनों ने पूछताछ में बताया कि कुछ संगठन लोगों को लालच देकर बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। विदेश से लेन-देन का पता चला एटीएस के मुताबिक, उमर और जहांगीर जामियानगर के जोगाबाई एक्सटेंशन में इस्लामिक दावाह सेंटर नाम की संस्था के जरिए रैकेट चला रहे थे। संस्था के खातों में कई माध्यमों से लाखों रुपये आने के साक्ष्य मिले हैं। एटीएस संस्था के आइटी रिटर्न, बैंक खातों की डिटेल के साथ पिछले कुछ सालों में हुए बड़े लेनदेन के बारे में पता कर रही है। एटीएस को विदेशी फंडिंग के भी साक्ष्य मिले हैं। केंद्रीय जांच और खुफिया एजेंसियों की मदद से खातों का पता किया जा रहा है। दिल्ली के जामिया नगर से चला रहा था नेटवर्क उमर और उसका साथी जहांगीर दिल्ली के जामिया नगर के जोगाबाई एक्सटेंशन में इस्लामिक दावाह सेंटर नामक एक संस्था के जरिए पूरा नेटवर्क संचालित कर रहे हैं। एटीएस की एफआईआर में इस संस्था के चेयरमैन को भी नामजद किया गया है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य गैर-मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराना है। इस काम के लिए इसके व इसकी संस्था के बैंक खातों में कई माध्यमों से भी लाखों की रकम आने के साक्ष्य एटीएस को मिले हैं। एटीएस संस्था के इनकम टैक्स रिटर्न बैंक खातों की डिटेल और पिछले कुछ सालों में हुए बड़े ट्रांजेक्शन की जांच कर रही है। एटीएस को विदेशों से भी फंडिंग होने के साक्ष्य मिले हैं। एटीएस केंद्रीय एजेंसियों जांच और खुफिया एजेंसियों की मदद से इन विदेशी बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटा रही है। हर महीने सात हजार रुपये खाते में आते थे कानपुर के कल्याणपुर में रहने वाले जिस युवक आदित्य का धर्म परिवर्तन करवाकर अब्दुल बनाया गया उसके परिवार ने भी रुपयों के ट्रांसजेक्शन का डीटेल सौंपा है। जो दस्तावेज आदित्य के परिवार ने दिए हैं, उससे पता चला है कि आदित्य के खाते में हर महीने विदेश से 7 हजार रुपये आते थे। छह राज्यों में फैला नेटवर्क एटीएस की शुरुआती पड़ताल में सामने आया है कि यूपी के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और केरल में भी इस रैकेट का बड़ा नेटवर्क है। यूपी में ये लोग नोएडा, वाराणसी, कानपुर, मथुरा, गाजियाबाद और अन्य जिलों में सक्रिय थे। मूक-बधिर, गरीबों को बनाया निशाना एटीएस के मुताबिक, आरोपित गरीब परिवार, बेरोजगार लड़के-लड़कियां, मूक-बधिर छात्रों को निशाना बनाते थे। इसके बाद कई चरणों में ब्रेन वॉश कर उनका धर्म बदलवाते थे। जहांगीर कानूनी मुहर के लिए धर्मांतरण के दस्तावेज तैयार करवाता था। उमर और उसके साथी हर साल तमाम सम्मेलन करवाते थे, जिनमें 200 से 300 लोगों का धर्म परिवर्तन होता था। उमर ने कई महिलाओं का धर्म बदलवा कर उनकी शादी मुस्लिमों से करवाने की बात भी कबूली है।


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