पटना: LJP के 5 बागी सांसदों के अध्यक्ष पशुपति पारस को केंद्र में कुर्सी मिलने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि अभी तक ये सिर्फ कयास ही है...

पटना: LJP के 5 बागी सांसदों के अध्यक्ष पशुपति पारस को केंद्र में कुर्सी मिलने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि अभी तक ये सिर्फ कयास ही हैं। उधर चिराग पासवान के इमोशनल कार्ड का जवाब उनके चाचा पारस ने भी कुछ वैसे ही दिया है। गुरुवार को अध्यक्ष चुने जाने के बाद पारस वैसे तो भड़के हुए नजर आए लेकिन उन्होंने भी चिराग की तरह संवेदनाओं की नाव का सहारा ले लिया। मैंने चिराग को तानाशाह नहीं कहा- पशुपति पशुपति पारस से जब चिराग की कथित तानाशाही पर उन्हीं के उठाए सवाल फिर से पूछे गए तो पारस ने कहा कि ' मैं चिराग को तानाशाह नहीं कहा। वह मेरा बेटा है, भतीजा है। मुझे उससे कोई शिकवा नहीं है।' वहीं LJP में एक व्यक्ति एक पद के संविधान में दो-दो पद पर पारस बुरी तरह से भड़क गए। उन्होंने मीडिया को ही समझाना शुरू कर दिया कि 'सरकार और संगठन में फर्क होता है, आपको ये नहीं पता क्या?' इसके बाद पारस ने कहा कि 'मैंने कहां दो पद लिए हुए हैं। कल तो मेरा निर्वाचन ही हुआ है, मैं कल भड़का नहीं था। जब समय आएगा तो इस्तीफा दे दूंगा।' पारस का अध्यक्ष चुना जाना असंवैधानिक- चिरागलोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पटना में आयोजित बैठक असंवैधानिक थी। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्यों की न्यूनतम उपस्थिति तक नहीं थी। चिराग के मुताबिक उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पारस के नेतृत्व वाले धड़े को उसकी बैठकों में पार्टी का चिह्न और झंडे का इस्तेमाल करने से रोकने का आग्रह भी किया है। सिर्फ 9 लोगों के दम पर चाचा बने अध्यक्ष- चिराग चिराग पासवान के मुताबिक पशुपति पारस को सिर्फ 9 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों ने अध्यक्ष चुना। जबकि LJP में 90 से ज्यादा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पार्टी के 90 से अधिक स्वीकृत सदस्य हैं और बृहस्पतिवार को पटना में हुई बैठक में उनमें से बमुश्किल नौ मौजूद थे, जिसमें पासवान के चाचा पारस को उनके स्थान पर अध्यक्ष चुना गया था। चिराग ने बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इसी बीच चिराग पासवान ने इसी रविवार को अपना नया दांव चलने का फैसला ले लिया है। उन्होंने 20 जून को LJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला ली है। इस बैठक से जुड़ी चिट्ठी भी चिराग के गुट ने जारी कर दी है। पशुपति गुट की बैठक तक असंवैधानिक- चिराग चिराग पासवान ने कहा कि लोजपा संविधान के अनुसार पार्टी प्रमुख के तौर पर वो या महासचिव के रूप में खालिक ही ऐसी कोई बैठक करने के लिए अधिकृत हैं। इससे पहले दिन में पारस को सूरजभान सिंह और समर्थकों की बुलाई गई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नया अध्यक्ष चुना गया।
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