अखंड प्रताप सिंह, गाजियाबाद गाजियाबाद की फैक्ट्रियों में प्रदूषण पर यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने सख्त कार्रवाई की है। ट्रो...
अखंड प्रताप सिंह, गाजियाबाद गाजियाबाद की फैक्ट्रियों में प्रदूषण पर यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने सख्त कार्रवाई की है। ट्रोनिका सिटी अपैरल पार्क की टैक्सटाइल फैक्ट्रियों के प्रदूषित पानी को साफ करने के लिए लगा कॉमन इन्फ्यूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लंबे समय से काम नहीं कर रहा है। शिकायत मिलने के बाद यूपीपीसीबी की टीम ने यहां पर पांच बार निरीक्षण किया। हर बार निरीक्षण के बाद जो खामियां पाई गईं। इस पर कारण बताओ नोटिस उत्तर प्रदेश औद्योगिक राज्य प्राधिकरण (यूपीसीडा) के पास भेजा गया। लेकिन यूपीसीडा की तरफ से इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया। 4 जून 2021 को यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा द्वारा फिर निरीक्षण किया गया। लेकिन पहले के निरीक्षण में जो खामियां मिली थीं, वह जस की तस बनी हुई थीं। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेज दिया गया। मुख्यालय के मुख्य पर्यावरण अभियंता विवेक राय ने इस सीईटीपी से जुड़ी हुई सभी फैक्ट्रियों को तत्काल प्रभाव से बंद किए जाने और सीईटीपी के बिजली और पानी के कनेक्शन को काटने का आदेश जारी किया है। फिलहाल इस आदेश के बाद से वहां पर लगी 200 से अधिक फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। उद्योगपति परेशान हैं। कुछ तो कामकाज के लिए अपनी दिल्ली की दूसरी फैक्ट्री में शिफ्ट करने की तैयारी भी शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि यह लड़ाई लंबी चलेगी। यदि इसमें फंसे रहे तो काफी नुकसान उठाना पड़ जाएगा। इस संबंध में यूपीसीडा के अधिशासी अभियंता जीडी शर्मा से कई बार बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वॉट्सऐप पर मेसेज भी किया गया। मेसेज को पढ़ने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। 4 बार निरीक्षण, 3 बार नोटिस बेअसर ट्रोनिका सिटी अपैरल पार्क की टेक्सटाइल फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ करने के लिए 6 एमएलडी का सीईटीपी स्थापित किया गया था। लेकिन कुछ समय से यह सही से काम नहीं कर रहा था, जिसकी कुछ लोगों ने यूपीपीसीबी से शिकायत की। इसके बाद इसी साल 19 जनवरी, 27 जनवरी और 4 मार्च को यूपीपीसीबी की टीम ने निरीक्षण किया। 6 जून को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के साथ यूपीपीसीबी की टीम ने संयुक्त निरीक्षण किया। जबकि तीन बार कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। साथ ही कमियों को दूर करने की हिदायत दी गई थी। लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस का कोई जवाब यूपीसीडा द्वारा नहीं दिया गया। ना ही कमियों को अभी तक दूर किया गया। यह मिली थी खामियां
- इक्वलाइजेशन टैंक संचालित नहीं था
- प्राइमरी और सेकंडरी क्लेरीफायर के स्क्रैपर्स चालू नहीं थे
- कूड़े से डाइंग बेड्स भरा हुआ पाया गया
- ईटीपी के कूड़े को खुले में स्टोर किया गया है
- इरेक्शन टैंक में ओवरफ्लो पाया गया
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