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3 लाख घनफुट 'पिंक पत्थर' की दरकार... धीमी ना पड़ जाए राम मंदिर निर्माण की रफ्तार!

अयोध्या अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए काम तेजी से चल रहा है। पत्थरों को तराशने के लिए 20 साल बाद वीएचपी की कार्यशाला में कटिं...

अयोध्या अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए काम तेजी से चल रहा है। पत्थरों को तराशने के लिए 20 साल बाद वीएचपी की कार्यशाला में कटिंग मशीन चली। इन सबके बीच एक अड़चन भी है। दरअसल मंदिर निर्माण में 3 लाख घनफुट अतिरिक्त पत्थरों की जरूरत है। लेकिन राजस्थान से अभी पत्थर खरीद को लेकर दिक्कत आ रही है। ऐसे में चिंता इस बात की है कि कहीं पत्थरों की वजह से मंदिर निर्माण की रफ्तार धीमी ना पड़ जाए। 1 लाख घनफुट तराशे हुए पत्थर से शुरू होगा निर्माण अयोध्या में वीएचपी की राम सेवकपुरम कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए रखे पत्थरों की कटिंग और तराशने के काम के लिए तैयारी शुरू हो गई है। वीएचपी प्रवक्ता शरद शर्मा के मुताबिक 20 साल पहले यहां इंस्टॉल पत्थरों को काटने और ड्रिलिंग मशीन की राजस्थान से आई विशेषज्ञ कारीगरों की टीम सोमवार को टेस्टिंग कर चुकी है। मंदिर के मुख्य आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा के मुताबिक पहले से तराश कर रखे गए 1 लाख घनफुट पत्थरों के उपयोग से मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। इस बीच बाकी पत्थरों को तराशने का काम भी चलेगा। राजस्थान से आने हैं 3 लाख घनफुट अतिरिक्त पत्थर इसी के साथ बंशी पहाड़पुर से अतिरिक्त पिंक पत्थरों को लाने की भी जरूरत पड़ेगी। उन्होंने बताया कि अभी 3 लाख घनफुट अतिरिक्त पत्थरों की जरूरत पड़ेगी, जो राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से मंगाने हैं, लेकिन अभी इसको लेकर अड़चनें खत्म नहीं हुई हैं। जैसे ही सरकार से तकनीकी दिक्कत खत्म होगी, पत्थरों की खरीद शुरू कर दी जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता के मुताबिक यह मशीन 1989 में पत्थरों की कटिंग करने के लिए लगाई गई थी, जो बंद पड़ी थी। मशीन को फिर से चालू हालत में किया गया है। 50 से 100 कारीगर पत्थर तराशने में लगेंगे साढ़े दस फुट लंबे, ढाई फुट चौड़े और ढाई फुट मोटे आकार के करीब 70 पीस पत्थर राम सेवकपुरम कार्यशाला में रखे हैं। पहले इनकी कटिंग और तराशने का काम शुरू होगा। निखिल सोमपुरा ने बताया कि मंदिर के पत्थरों का काम शुरू होने के पहले अतिरिक्त पत्थरों को तराशने के लिए बड़ी संख्या में कारीगरों की जरूरत पड़ेगी। जो उनकी आवासीय और अन्य व्यवस्था की उपलब्धता के हिसाब से बढ़ाई जाएगी। शुरुआती समय में यह संख्या 50 से 100के बीच हो सकती है। अक्टूबर तक नींव पूरी, नवंबर से पत्थरों का काम इस बीच राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक का आज दूसरा दिन है। सुबह साढ़े नौ बजे नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में सर्किट हाउस में बैठक शुरू हुई। इस मीटिंग के दौरान मंदिर की बुनियाद में ललितपुर के ग्रेनाइट पत्थरों के इस्तेमाल और सुरक्षा पर भी मंथन होने की संभावना है। इससे पहले बुधवार को बैठक में मंदिर निर्माण के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि अक्टूबर तक मंदिर की नींव का काम पूरा हो जाएगा। नवंबर से बेस प्लिंथ पर पत्थरों को लगाने का काम शुरू होगा। अब तक मंदिर की नींव पर 16 लेयर की ढलाई का काम पूरा हो चुका है। मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंथन डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि यह बैठक भी मंदिर निर्माण समिति की नियमित बैठकों में से एक है। निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने सुबह रामलला के दर्शन किए और मंदिर परिसर में हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। सुबह अयोध्या में भी निर्माण में लगी कंपनियों के अधिकारियों की बैठक की। सर्किट हाउस की बैठक में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के साथ कार्यदाई संस्था एल एंड टी और टाटा कंसल्टेंसी के इंजिनियरिंग एक्सपर्ट भी मौजूद रहे। प्रोजेक्टर के माध्यम से टाटा एल एंड टी के एक्सपर्ट्स ने राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रेजेंटेशन भी दिया।


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