असम-मिजोरम के बीच सीमा विवाद शांत पड़ता नहीं दिख रहा है। असम सरकार ने दावा किया कि मिजोरम के लोग असम के नागरिकों को धमका रहे हैं। इसे देखत...
असम-मिजोरम के बीच सीमा विवाद शांत पड़ता नहीं दिख रहा है। असम सरकार ने दावा किया कि मिजोरम के लोग असम के नागरिकों को धमका रहे हैं। इसे देखते हुए नागरिकों को पड़ोसी राज्य न जाने की सलाह दी गई है। असम के इस कदम को कांग्रेस ने भारतीय इतिहास का शर्मनाक दिन करार दिया।
असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि एक वीडियो फुटेज में मिजोरम के लोग हमें धमकाते दिख रहे हैं और वे हथियारों से भी लैस हैं। इसलिए हमने अपने नागरिकों को मिजोरम न जाने की एडवाइजरी जारी की है। यदि इसके बावजूद कोई वहां जाता है तो हम उसकी जिम्मेदारी नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा कि मिजोरम की ओर से अभी भी भड़काऊ बयान जारी किए जा रहे हैं। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय की मध्यस्थता में वार्ता होगी। हमने अपनी पोस्ट केंद्रीय बलों के हवाले कर दी है लेकिन मिजोरम ने अभी तक पोस्ट से अपने जवानों को नहीं हटाया है। असम ने यह भी दावा किया है कि सीमा से लगते करीमगंज में मिजोरम के उपद्रवियों ने बंकर भी बना रखे हैं।
मिजोरम के लोगों के हाथों में एके-47 और स्नाइपर राइफल, ऐसे में कैसे जाने दें : सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को कहा कि हमने लोगों से आग्रह किया है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, वे मिजोरम की यात्रा न करें। मिजोरम में शांति होने पर हम जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मिजोरम के लोगों के पास एके-47 और स्नाइपर राइफलें हैं, ऐसे में अपने लोगों को वहां जाने की कैसे अनुमति दे सकते हैं? मिजोरम सरकार को अपने नागरिकों से इन हथियारों को जब्त करना चाहिए। लोग इसे लेकर आशंकित हैं।
सभी वाहनों की जांच के आदेश बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट से ड्रग्स मिजोरम के जरिए आ रही है और वाया असम पूरे देश में पहुंच रही है। मिजोरम के लोग इसमें शामिल नहीं हो सकते हैं लेकिन वहां से बड़ी मात्रा में ड्रग्स आ रही है। इसे रोकने के लिए वाहनों की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा सांसद के वनललवेना की हिंसक झड़प में कथित भूमिका की जांच के लिए सीआईडी की एक टीम नई दिल्ली गई है।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को पद पर बने रहने का हक है क्या? कांग्रेस
असम सरकार की एडवाइजरी को लेकर कांग्रेस महासचिव व प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि देश के इतिहास में सबसे शर्मनाक दिन। जब देशवासी एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने में असमर्थ हैं। क्या मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को अपने पदों पर बने रहने का हक है? यदि मोदी हैं तो यह संभव है।
मिजोरम से आने वाले सभी वाहनों की हो रही जांच
असम के कछार जिले के एसपी रमनदीप कौर ने कहा कि सीआरपीएफ सीमा की निगरानी कर रही है। गृहमंत्रालय के निर्देश पर असम पुलिस को हटा लिया गया है लेकिन मिजोरम की ओर पुलिस अभी भी तैनात है, इससे स्थिति तनावपूर्ण है।
असम पुलिस ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि अवैध ड्रग्स की तस्करी रोकने के अभियान के तहत मिजोरम से आने वाले सभी वाहनों की सभी एंट्री प्वाइंट पर जांच की जाएगी।
नाकाबंदी खत्म पर ट्रक ड्राइवरों ने आगे जाने से किया इनकार
असम के बराक वैली के अधिकारियों ने कहा कि मिजोरम की ओर जाने वाली असम की सड़कों पर संगठित नाकाबंदी को हटा लिया गया है और अब सड़कों पर कोई भी संगठन ट्रकों या अन्य वाहनों को नहीं रोक रहा है। 26 जुलाई को सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद विभिन्न संगठनों ने मिजोरम जाने वाली सड़कों पर नाकाबंदी कर दी थी और सामान ले जाने वाले ट्रकों-वाहनों को रोक दिया था।
हालांकि डर के चलते ज्यादातर ट्रक ड्राइवरों ने मिजोरम जाने से इनकार कर दिया है और सीमा के नजदीक स्थित धोलाई गांव में डेरा डाले हुए हैं। धोलाई बाजार के एंट्री प्वाइंट पर राजमार्ग पर बड़ी संख्या में ट्रकों की लाइन लगी हुई है।
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