विपक्ष के भारी हंगामे के बीच उच्च सदन ने शुक्रवार को नारियल विकास बोर्ड संशोधन विधेयक 2021 को पारित कर दिया। इसमें नारियल विकास बोर्ड अधिन...
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच उच्च सदन ने शुक्रवार को नारियल विकास बोर्ड संशोधन विधेयक 2021 को पारित कर दिया। इसमें नारियल विकास बोर्ड अधिनियम, 1979 की धारा 4 में संशोधन कर एक गैर-कार्यकारी अध्यक्ष, एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी और बागवानी के एकीकृत विकास मिशन के प्रभारी व भारत सरकार के पदेन संयुक्त सचिव को बोर्ड का सदस्य बनाने का प्रावधान है।
बिल पर चर्चा के दौरान बीजद के मुजीबुल्ला खान ने कहा, इसमें तटीय क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ओडिशा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, वहां लंबा समुद्री तट है और अक्सर तूफान की समस्या रहती है। इसके चलते वह पिछड़ा राज्य है, लिहाजा ऐसे राज्यों को प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा, इस बिल का मकसद तटीय क्षेत्रों का विकास करना है।
इससे नारियल की खेती करने वाले किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा। विपक्ष ने इस मुद्दे पर मत विभाजन की मांग की। इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा, पहले हंगामा कर रहे सदस्य अपने स्थान पर जाएं तभी मत विभाजन होगा।
इसके बाद भी सदन में हंगामा नहीं रुका और इसी शोरगुल में उपसभापति ने विधेयक को पारित करा दिया। इसके बाद भी सदन में विपक्ष का हंगामा नहीं रुका। इससे पहले कारपोरेट कार्य राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2021 और वित्त राज्यमंत्री भगवत कराड ने बीमा और प्रत्यक्ष गारंटी निगम संशोधन विधेयक 2021 पेश किया।
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