File Photo जनसंख्या कानून को लेकर देश में राजनीति तेज हो गई है। पक्ष से लेकर विपक्ष के कई नेता इस मुद्दे पर अपना बयान दे रहे हैं। इसी क्रम...
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जनसंख्या कानून को लेकर देश में राजनीति तेज हो गई है। पक्ष से लेकर विपक्ष के कई नेता इस मुद्दे पर अपना बयान दे रहे हैं। इसी क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जो राज्य जो करना चाहे करें परंतु हमारी राय यह है कि सिर्फ कानून बनाने से जनसंख्या नियंत्रित हो जाएगी ये संभव नहीं है। जब महिलाएं पूरी तरह पढ़ी लिखी होंगी तब ही जाकर प्रजनन दर कम होगी। हमें लगता है 2040 तक जनसंख्या बढ़ोतरी नहीं रहेगी और फिर ये कम होना शुरू होगी।
वहीं कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने इस मामले पर कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून और परिवार नियोजन दोनों अलग-अलग है। हमें इस पर पहले विचार-विमर्श करना होगा और फिर निर्णय लेना होगा। हम प्रोत्साहन के जरिए इस पर काम करेंगे।
बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की नई नीति के चर्चा के बीच केंद्र सरकार इस पर कानून लाने की तैयारी में है। कानून बनाने से पहले भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मसले पर धीरे-धीरे एक-एक कदम आगे बढ़ा रहा है। एक तरफ भाजपा शासित राज्यों को इस पर नीतियों पेश करने को कहा गया है जिससे कि इस मुद्दे पर देश भर में एक माहौल बनाया जा सके। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण नीति पेश की है।
असम सरकार असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा ने भी कहा है कि इस नीति पर जल्दी ही फैसला होगा। दूसरी तरफ राज्यसभा सांसदों के जरिए सदन में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करके एक ऐसा दांव चल रही है जिससे कानून बनाने की तरफ बढ़ा जा सके। बताया जा रहा है कि इसी सत्र में लोकसभा के आधा दर्जन सांसद भी इसी मुद्दे पर प्राइवेट मेंबर बिल ला सकते हैं।
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