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Bihar Coronavirus : पटना के ज्यादातर कॉलेज छात्र कोरोना को लेकर कर रहे बड़ी लापरवाही, जानिए क्या कह रहे प्रिसिंपल

पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के बाद कॉलेजों और 12वीं तक की पढ़ाई शुरू कर दी गई है। लेकिन कॉलेजों के अधिकांश छात्र कोरोना वायरस से ...

पटना: बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के बाद कॉलेजों और 12वीं तक की पढ़ाई शुरू कर दी गई है। लेकिन कॉलेजों के अधिकांश छात्र कोरोना वायरस से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन ही नहीं कर रहे। अक्सर, लड़कों और लड़कियों को बिना मास्क पहने और अनिवार्य सामाजिक दूरी बनाए बिना कॉलेज कैम्पस के अंदर घूमते देखा जा रहा है। डर है कि इससे उनका कोरोनावायरस से संक्रमित होने का खतरा और बढ़ जाएगा। मगध महिला कॉलेज में लड़कियों की लापरवाहीमगध महिला कॉलेज के प्राचार्य शशि शर्मा ने कहा कि अधिकांश कक्षाएं अभी भी ऑनलाइन मोड में चल रही हैं, लेकिन लड़कियां कॉलेज में अपनी व्यावहारिक कक्षाएं करने के लिए आ रही हैं। उनके मुताबिक 'स्टाफ रूम और प्रयोगशालाओं को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है और छात्रों को बिना फेस मास्क के परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। फिर भी, कुछ लड़कियां कॉलेज के मैदान में अपने गले में मास्क बांधे घूमती पाई जाती हैं। जब वे अपने शिक्षकों को आते देखते हैं, तो वे अपने मुंह और नाक को मास्क से ढक लेती हैं।' बीएन कॉलेज में भी यही हालबीएन कॉलेज के प्राचार्य राज किशोर प्रसाद ने कहा कि कॉलेज के अधिकारी पूरे परिसर को सेनिटाइज कर और कक्षा में बैठे दो छात्रों के बीच सामाजिक दूरी सुनिश्चित करके छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सभी सावधानी बरत रहे हैं। लेकिन उनका ये कहना है कि 'हालांकि, हम तब असहाय हो जाते हैं जब छात्र कोरोना से जुड़े नियमों की अनदेखी करते हैं और कॉलेज के बाहर सड़कों पर आराम से निकल जाते हैं।' जेडी वीमेंस कॉलेज की कई छात्राएं बिना मास्क घूम रहींजेडी महिला कॉलेज की प्रिंसिपल श्यामा रॉय ने कहा कि उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, लड़कियां हमेशा परीक्षा फॉर्म भरते समय या कॉलेज के काउंटरों पर दस्तावेज जमा करते समय भीड़ लगाती हैं। उनका कहना है कि 'कॉलेज ने एक मास्क वेंडिंग मशीन तक लगाई है जिसमें कोई भी लड़की 5 रुपये में एक मास्क ले सकती है। मगर दुर्भाग्य से कुछ लड़कियां अभी भी बिना मास्क के घूमती मिल रही हैं।' पटना साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल ने जताई चिंता पटना साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल श्री राम पद्मदेव ने कहा कि 'अधिकारियों के लिए कैंपस के अंदर या बाहर छात्रों का कोरोना से जुड़े नियमों पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करना वास्तव में बहुत मुश्किल है। उधर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है यदि छात्र कोविड के मानदंडों की अनदेखी करते हैं। कोविड अभी तक नहीं गया है और जल्द ही तीसरी लहर के उभरने की पूरी संभावना है।' वहीं आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के मेडिसिन फैकल्टी डीन डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि युवा पीढ़ी का कोरोना के खतरे की अनदेखी भारी साबित होगी और महामारी की तीसरी लहर को न्योता देगी। क्या कहना है डॉक्टरों का? इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राज्य सचिव डॉ अजय कुमार ने कहा कि कॉलेजों और स्कूलों को पूर्ण छात्र उपस्थिति के साथ फिर से खोलने की अनुमति देते समय अधिकारियों को इन सभी कारकों को ध्यान में रखना चाहिए। वहीं नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सतीश कुमार ने कहा कि भले ही हाल ही में कोविड -19 से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है, लेकिन अगर लोग कोविड के मानदंडों का पालन नहीं करते हैं तो ये काफी बढ़ सकता है।


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