Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

Bihar Education : ऑनलाइन शिक्षा में झारखंड से भी पीछे बिहार, पड़ोसी राज्य के 73% के मुकाबले मात्र 14 फीसदी बच्चों के पास कम्प्यूटर- रिपोर्ट

पटना: ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के कारण छात्रों के लिए ऑनलाइन अध्ययन ही एकमात्र विकल्प उपलब्ध है, बिहार में केवल 14% स्कूली छात्रों क...

पटना: ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के कारण छात्रों के लिए ऑनलाइन अध्ययन ही एकमात्र विकल्प उपलब्ध है, बिहार में केवल 14% स्कूली छात्रों के पास कंप्यूटर है। ये खुलासा एक सर्वे के बार जारी रिपोर्ट में किया गया है। झारखंड से पीछे बिहार हाल ही में जारी यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE) की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में पांच में से एक स्कूल में कंप्यूटर काम कर रहे थे और उनमें से केवल एक में ही सीमित संख्या में ही इंटरनेट कनेक्शन था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जानकर और भी हैरानी होती है कि पड़ोसी राज्य झारखंड में 73 फीसदी छात्रों की पहुंच कंप्यूटर तक है। लॉकडाउन में ऑनलाइन स्टडी ही एकमात्र जरिया पिछले साल मार्च में कोविड -19 मामलों में वृद्धि के कारण देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से, स्कूली बच्चों को शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपनाना पड़ा। जूम या रिकॉर्ड किए गए लेक्चर, ईमेल, व्हाट्सएप या शैक्षिक ऐप के माध्यम से लाइव, सिंक्रोनस टीचिंग के माध्यम से डिजिटल शिक्षा की उपलब्धता पूरी तरह से इस बात पर निर्भर थी कि स्कूलों, शिक्षकों और अभिभावकों के पास आवश्यक बुनियादी ढांचे तक पहुंच है या नहीं। बिहार के शिक्षा मंत्री ने भी माना शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्वीकार किया कि राज्य में स्कूलों में डिजिटल तकनीक का अभाव है। आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, बच्चों के पास महामारी के दौरान अपनी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए डिजिटल उपकरण नहीं थे। मंत्री ने कहा कि 'सरकार पहले से ही इस समस्या से अवगत है और कुछ समय पहले, केंद्र सरकार से छात्रों को स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे आवश्यक डिजिटल उपकरण प्रदान करने और इंटरनेट के साथ अच्छी संख्या में कंप्यूटर स्थापित करने के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत आवश्यक धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया था। सभी स्कूलों में कनेक्टिविटी की योजना है ताकि हमारे बच्चों को परेशानी न हो।' 'ऐसी हालत राज्य के लिए शर्मनाक' बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य शिव जतन ठाकुर ने कहा कि यह वास्तव में राज्य के लिए शर्मनाक है कि डिजिटल तकनीक की कमी के कारण 86 फीसदी स्कूली बच्चे ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा से वंचित हैं। नतीजतन, राज्य की मानव पूंजी का एक बड़ा प्रतिशत राज्य के आर्थिक विकास में अपना योगदान देने में सक्षम नहीं होगा।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3dJlNbP
https://ift.tt/3Av6Nby

No comments