पटना/नई दिल्ली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव दिल्ली में बैठकर पटना की राजनीति में हलचल पैदा करने की तैयारी में है...

पटना/नई दिल्ली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव दिल्ली में बैठकर पटना की राजनीति में हलचल पैदा करने की तैयारी में हैं। यह चर्चा रविवार शाम से शुरू हुई है। आरजेडी चीफ ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद मनोज झा से मुलाकात की है। इस मुलाकात के मायने इसलिए निकाले जा रहे हैं क्योंकि लालू यादव के पास जाने से पहले श्याम रजक ने दूसरी पार्टियों के बड़े नेताओं से मुलाकात की है। चिराग को साथ लाने की तैयारी में आरजेडी बताया जा रहा है कि आरजेडी चीफ लालू यादव के पास जाने से पहले श्याम रजक ने रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि चाचा पशुपति कुमार पारस की ओर से चिराग पासवान को पार्टी में अलग-थलग किए जाने के बाद से लालू यादव हर हाल में चाहते हैं कि वह इस मौके का लाभ उठाएं। लालू ने आरजेडी के अपने खास सिपह सलाहकारों से कहा है कि वे किसी भी तरह चिराग पासवान को महागठबंधन में शामिल कराएं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पहले ही चिराग पासवान को गठबंधन में आने का ऑफर दे चुके हैं। तेजस्वी कह चुके हैं कि महागठबंधन में आने के लिए चिराग को फैसला लेना है। ये भी पढ़ें- कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन को और मजबूत करने की तैयारी श्याम रजक लालू यादव से मिलने से पहले दिल्ली में ही पूर्व लोकसभा स्पीकर और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार और बिहार प्रभारी भक्त चरण दास से भी मिले। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान श्याम रजक ने कांग्रेस नेताओं से बात की है कि चिराग पासवान को कैसे गठबंधन में लाया जाए। साथ ही बिहार के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर भी बातचीत हुई है। चर्चा है कि इस बातचीत के दौरान दोनों दलों के नेताओं ने इस बात पर भी चर्चा की है कि अगर चिराग पासवान गठबंधन में आते हैं तो उनकी भूमिका किस तरह की होगी। ये भी पढ़ें- लालू ने 'हनुमान' को बनाया दूत! बताया जा रहा है कि लालू यादव ने खास तौर से श्याम रजक को दिल्ली बुलाया था और शुक्रवार को उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान लालू ने श्याम रजक को जिम्मेदारी सौंपी कि वह चिराग पासवान को महागठबंधन में लाने की कोशिश करें। ये भी कहा जा रहा है कि लालू यादव ने अपने पुराने हनुमान श्याम रजक को दूत का रोल निभाने की जिम्मेदारी सौंपी है। लालू के कहने पर श्याम रजक ने एलजेपी के चिराग पासवान और कांग्रेस की नेता मीरा कुमार से मुलाकात की है। यहां बता दें कि श्याम रजक लालू यादव के पुराने विश्वासी नेता हैं। श्याम रजक लालू परिवार की सरकार में लंबे समय तक मंत्री पद पर रहे हैं। बीच में वह कुछ दिनों के लिए जेडीयू में चले गए थे, लेकिन अब दोबारा से वह आरजेडी में हैं। ये भी पढ़ें- पुरानी नीतियों पर लौटने की कोशिश में लालू यहां बता दें कि आरजेडी की 25वीं जयंती समारोह में लालू यादव ने जिस तरह का भाषण दिया उससे साफ हो चुका है कि वह अब जातीय राजनीति के एजेंडे से हटकर दोबारा से समाजवाद की पुरानी नीतियों पर लौटने की कोशिश में हैं। लालू ने अपने भाषण में कहा था कि उन्होंने तवा पर बन रही रोटी पलटने का काम किया। इस एक लाइन से लालू ने मैसेज दे दिया कि उन्होंने उच्च जातियों की सत्ता को पलटकर गरीब और छोटी जाति के लोगों की सत्ता कायम करने का काम किया। इतना ही नहीं लालू ने ये भी कहा कि आज वक्त बदल चुका है कि अब समाज की हर जाति के लोग अपने हिसाब से जिंदगी जी सकते हैं, इसलिए हमें नए सिरे से राजनीति करने की जरूरत है। वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि लोग उन्हें मुस्लिम+यादव की पार्टी बताते थे, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से उनके गठबंधन को वोट मिले हैं उससे साफ है कि उन्हें समाज के हर जाति और तबके के लोगों का समर्थन है। यहां बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से तेजस्वी यादव को प्रजेंट किया गया यह प्लानिंग मनोज झा ने ही की थी।
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