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टाइगर हूंगा... बाली में उम्र बना नक्सली, विस्फोट कर जवानों की लेता था जान, आठ साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा

सुकमा एक लाख रुपये इनामी नक्सली कमांडर टाइगर हूंगा (Naxalite Tiger Hoonga Arrest News) को सुकमा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आठ साल से प...

सुकमा एक लाख रुपये इनामी नक्सली कमांडर टाइगर हूंगा (Naxalite Tiger Hoonga Arrest News) को सुकमा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आठ साल से पुलिस हूंगा की तलाश कर रही थी। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में इसका आतंक था। 21 साल पहले टाइगर हूंगा की नक्सली संगठन में एंट्री हुई थी। यह बाल संघम में प्रवेश कर हथियार और आईईडी लगाने का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद से ही सुरक्षाबलों की जान का यह दुश्मन बन गया था। इस पर 13 जवानों की हत्या का आरोप है। सुकमा जिले के किस्टाराम थाना क्षेत्र में यह 21 सालों से सक्रिय था। पालोड़ी के जंगल से सुरक्षाबलों ने इसे गिरफ्तार किया है। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती जिलों में इसने आतंक मचा रखा था। सुकमा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि पालोड़ी के जंगल में भारी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। 25 जुलाई को पुलिस, डीआरजी और सीआरपीएफ की टीम ने ज्वाइंट सर्च ऑपरेशन वहां लॉन्च किया। इस दौरान हूंगा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस की टीम को देखकर हूंगा वहां से भागने लगा था। उसे घेराबंदी कर पकड़ा गया है। पुलिस की टीम ने उसके पास एक बंदूक और कुछ नक्सली सामाग्री बरामद किया है। सोमवार को उसके दंतेवाड़ा कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है। टाइगर हूंगा की गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की पुलिस ने राहत ली है। तेलंगाना पुलिस भी इससे जुड़े मामलों को खंगाल रही है। बाल संघम में हुई थी एंट्री टाइगर हूंगा बचपन में ही नक्सली संगठन से जुड़ गया था। इसकी एंट्री बाल संघम के जरिए हुई थी। नक्सली बाल संघम में कम उम्र के बच्चों को शामिल कर उन्हें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते हैं। छह सालों तक बाल संघम में रहकर हूंगा ने हथियार चलाना और बम लागाना सीखा है। इसकी काबिलियत से नक्सलियों के बड़े कमांडर काफी प्रभावित हुए। नक्सली कमांडर सूर्यम अन्ना ने संगठन में इसकी एंट्री करवाई थी। बढ़ता गया कद टाइगर हूंगा को 2006 में करीगुड़म इलाके में DAKMS का अध्यक्ष बना दिया गया। इसने वहां भी अच्छा काम किया, इसके बाद 2011 में जनमिलिशिया कमांडर की जिम्मेदारी दे दी गई। इसके बाद टाइगर हूंगा ने कई बड़ी नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया। 2013 में पहली बार पुलिस ने इसके खिलाफ मामला दर्ज किया। सुकमा जिले में अकेले हूंगा पर 17 मामले दर्ज हैं। इन घटनाओं में आरोपी है टाइगर हूंगा आठ मई 2013 को हूंगा ने आईईडी ब्लास्ट कर गुलाब नाला के पास जवानों को उड़ा दिया था, इसमें दो जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 2018 में ही किस्टाराम इलाके में आईईडी ब्लास्ट कर सीआरपीएफ जवानों की गाड़ी उड़ा दी थी। इसमें सीआरपीएफ के नौ जवान शहीद हुए थे। इसी तरह से टाइगर हूंगा ने कई छोटी-बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। हूंगा इलाके में निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों से लेवी भी वसूलता था। पुलिस को खुलासे की उम्मीद वहीं, टाइगर हूंगा की गिरफ्तारी से सुकमा एसपी सुनील शर्मा को और भी खुलासे की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि टाइगर हूंगा की बीते आठ सालों से पुलिस की तलाश थी। वह लगातार फरार चल रहा था। कई बड़ी घटनाओं में इसकी भूमिका रही है। पूछताछ के दौरान और भी कई खुलासे होंगे।


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