शामली उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कांधला के निवासी मोहम्मद राशिद 13 साल के थे, जब उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया। यह परिवार बंजारा ...

शामली उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कांधला के निवासी मोहम्मद राशिद 13 साल के थे, जब उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया। यह परिवार बंजारा समुदाय से आता है, जो मृतकों को दफनाने की जमीन पाने के लिए हमेशा संघर्षरत रहा है। इसके लिए उन्होंने इस्लाम में परिवर्तित हो जाने का रास्ता अपनाया। हालांकि जमीन की उपलब्धता मुश्किल ही बनी रही। अब मृतकों के लिए जमीन सुनिश्चित कराए जाने के आश्वासन के बाद कम से कम 18 बंजारा मुस्लिम फिर से हिंदू धर्म में शामिल हो गए हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ () की योजना बाकी बचे करीब 200 लोगों की 'घर वापसी' कराने की है। 25 साल के हो चुके राशिद अब विकास कुमार बन गए हैं। उन्होंने कहा, 'स्थानीय मंदिर के लोगों ने मृत शरीर को दफन करने के लिए जमीन का वादा किया। मुझे याद है कि बचपन में मैं होली और दीवाली मनाया करता था। फिर मेरे पिता उमर अहमद इस्लाम में परिवर्तित हो गए। लेकिन अब मैं अपने फैसले खुद करूंगा।' 4 अगस्त को राशिद और परिवार के 13 सदस्यों ने सूरजकुंड मंदिर में हुए 'शुद्धि समारोह' में हिंदू धर्म अपना लिया। इनमें राशिद की पत्नी मंजू बानो और उनके 4 बच्चे शामिल हैं। राशिद के भाई आदिल और दीपक भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ परिवर्तित हो गए। तीन बहनों और मां-बाप को लेकर यह संख्या 18 हो गई। शुद्धिकरण कराने वाले यशवीर महाराज ने कहा कि वह लगातार परिवार वालों से संपर्क कर हिंदू धर्म अपनाने को लेकर विश्वास में ले रहे थे। हालांकि शामली की डीएम जसजीत कौर ने कहा कि कानूनी तौर पर धर्मांतरण होना अभी बाकी है। डीएम ने कहा कि वे मुस्लिम से हिंदू में नाम परिवर्तित कराना चाहते हैं। तकनीकी तौर पर अभी ये प्रक्रियाएं हुई नहीं हैं। यह परिवार कांधला के राय जदगान मोहल्ले में रहता है। यहां की ज्यादातर आबादी अशिक्षित है और मजदूरी का काम ही करती है। उत्तर प्रदेश में बंजारा समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है। 17वीं सदी से घुमंतू जाति वाले बंजारा समुदाय हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के हैं। मुसलमानों में तुर्किया और मुकेरी, ये दो धाराएं हैं। RSS के स्वयंसेवक रिक्की रावत ने कहा कि हमने बंजारा समुदाय के और भी लोगों का कराकर उन्हें जमीन मुहैया कराने के लिए प्रशासन को पत्र लिखा है। वहीं बीजेपी पार्षद दीपक सैनी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए बंजारों को भविष्य में मुख्यधारा से जोड़ते हुए मृतकों का अंतिम संस्कार कराने की तैयारी की योजना बताते हैं। वहीं अब मंजू देवी बन चुकीं रााशिद की पत्नी मंजू बानो चिंता जाहिर करते हुए कहती हैं कि हिंदू धर्म में परिवर्तित तो हो रहे हैं लेकिन दफन होने के लिए जमीन कहां मिलेगी, इस पर संशय बना हुआ है।
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